Sports

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक मामलों में अब आएगी तेजी



Big Decision Of Supreme Court: देशभर के हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है. हाईकोर्ट अब लंबित आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए एड-हॉक जजों की नियुक्ति कर सकते हैं. ये एड-हॉक जज बेंच में नियमित जजों के साथ बैठेंगे. भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI ) संजीव खन्ना,  जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की विशेष पीठ ने कहा कि प्रत्येक हाईकोर्ट दो से पांच एड-हॉक जजों की नियुक्ति कर सकता है, लेकिन किसी भी मामले में, यह संख्या स्वीकृत संख्या के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “प्रत्येक उच्च न्यायालय अनुच्छेद 224ए का सहारा लेकर एड हॉक जजों की नियुक्ति करेगा.” इसके अलावा, न्यायालय ने कहा कि ऐसी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया के ज्ञापन को लागू किया जाएगा और उसका सहारा लिया जाएगा. यदि आवश्यक हो, तो यह पीठ आगे के निर्देशों के लिए फिर से सुनवाई करेगी. यदि आवश्यक हो, तो पक्षकार फिर से अर्जी दाखिल कर सकते हैं. 

2021 में दी थी हरी झंडी

अदालत ने इससे पहले अप्रैल 2021 के फैसले में एड हॉक जजों की नियुक्ति के लिए उल्लिखित कुछ शर्तों को संशोधित करने की इच्छा व्यक्त की थी. दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने अप्रैल 2021 के फैसले में पहली बार उच्च न्यायालयों में एड-हॉक जजों की नियुक्ति को हरी झंडी दी थी. हालांकि, उसी फैसले में न्यायालय ने नियमित जजों की नियुक्ति करने के बजाय एड-हॉक आधार पर जजों की नियुक्ति करने के खिलाफ चेतावनी भी दी थी.पीठ ने कहा था कि एड-हॉक जजों को नियमित जजों के नियमित विकल्प के रूप में नहीं देखा जा सकता है. इसलिए, न्यायालय ने एड-हॉक जजों की नियुक्ति के लिए कुछ ट्रिगर पॉइंट निर्धारित किए थे. इनमें से एक यह था कि एड-हॉक जजों की नियुक्ति तभी की जा सकती है, जब रिक्तियां स्वीकृत संख्या के 20 प्रतिशत से अधिक हों. अन्य  बिंदुओं में ऐसी स्थितियां शामिल हैं, जैसे कि जब किसी विशेष श्रेणी के मामले पांच या अधिक सालों से लंबित हों या जब 10 प्रतिशत से अधिक बैकलॉग पांच साल या उससे अधिक समय से लंबित हो या जब नए मामलों की स्थापना की दर निपटान की दर से अधिक हो, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस सीमा में ढील दे दी है.




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *