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'सीनियर नशा करके जूनियर छात्रों को मारते-पीटते हैं,' MGM मेडिकल कॉलेज में रैगिंग की खबर से हड़कंप



<p style="text-align: justify;"><strong>MP News:</strong> इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला आया सामने है. 2024 बैच के जूनियर छात्रों ने सोशल मीडिया पर दर्द बयां किया है. सोशल मीडिया पर सामने आए आरोपों के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया. &lsquo;एक्स&rsquo; पर &lsquo;प्लीज हेल्प मी&rsquo; नाम से बनाए गए अकाउंट के जरिये पोस्ट कर हॉस्टल में रैगिंग का गंभीर आरोप लगाया गया है.&nbsp;</p>
<p>एमबीबीएस फस्ट ईयर के छात्र ने पहचान छिपाते हुए आपबीती सुनाई. उसने कहा कि रैगिंग के कारण &lsquo;&lsquo;भयंकर अवसाद&rsquo;&rsquo; में है. उसने कहा कि सीनियर रात में सिर झुकाकर खड़ा रहने को मजबूर करते हैं. सीनियर के आदेश जूनियर छात्रों को 6-6 घंटे तक झुकाकर खड़ा रहना पड़ता है. पोस्ट को पीएम नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी टैग किया गया है.&nbsp;</p>
<p><strong> जूनियर ने पोस्ट में साझा किया दर्द</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक्स पर स्थानीय मीडिया को संबोधित करते हुए कहा गया, "&lsquo;&lsquo;कृपया मेरी बात सुनिए. मैं हवा में नहीं कह रहा. अपनी आपबीती बता रहा हूं. आपसे अनुरोध है कि शहर के अंदर रावण की लंका है, तो एमजीएम चिकित्सा महाविद्यालय का बॉयज हॉस्टल है जहां न पुलिस, न कॉलेज का नियंत्रण है.&rsquo;&rsquo; आरोप के मुताबिक सीनियर नशा करके जूनियर छात्रों को मारते पीटते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">पोस्ट में एमजीएम मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल को रावण की लंका बताया गया है, जहां सिर्फ सीनियर्स का नियंत्रण है. हॉस्टल में सिर्फ सीनियर्स की मर्जी चलती है और जूनियर्स को आदेश मानना पड़ता है. रैगिंग की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन की जांच टीम एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंची. जांच टीम में शामिल मल्हारगंज एसडीएम निधि वर्मा ने बताया कि रैगिंग की सूचना मिली थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग!</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरोप 2024 के जूनियर छात्रों ने लगाया है. करीब 55 छात्रों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली गई. जांच रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष पेश की जाएगी. एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन निलेश दलाल का कहना है कि रैगिंग की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है. कॉलज प्रशासन ने घटना की जांच के लिए कमेटी बनाई है. एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्यों ने छात्रों से भी वन टू वन बात की. बातचीत में छात्रों ने रैगिंग जैसी घटना से इनकार किया. करीब 5 छात्र बचे हैं. एंटी रैगिंग कमेटी की जांच जारी है.</p>
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