सिंगरौली में रोजगार की बढ़ी आस, जनसुनवाई में कोयला खनन प्रोजेक्ट का लोगों ने किया समर्थन
<p style="text-align: justify;"><strong>MP News:</strong> विंध्य क्षेत्र के सिंगरौली जिले में प्रस्तावित गोंड़बहेरा उज्जैनी कोयला खदान शुरू होने की उम्मीद पैदा हो गयी है. शुक्रवार को तलवा गांव में पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई. जनसुनवाई में भूमिगत कोयला खदान से प्रभावित होने वाले सभी पांच गांव के लगभग 2000 ग्रामीण मौजूद रहे. उन्होंने कोयला खनन प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया. अपर कलेक्टर अरविन्द कुमार झा और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंगरौली के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा की मौजूदगी में जनसुनवाई की गई.</p>
<p style="text-align: justify;">जनसुनवाई में ग्रामीणों ने कोयला खनन प्रोजेक्ट से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान और सामाजिक आर्थिक विकास से जुड़ी चिंताओं को रखा. कोयला मंत्रायलय ने गोंड़बहेरा उज्जैनी कोयला खदान के लिए कमर्शियल खनन की 2023 में बोली लगवाई थी. स्पर्धात्मक बोली लगाकर अदाणी समूह की कंपनी एमपी नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने टेंडर हासिल कर लिया. जिले के बरगवां तहसील में भूमिगत कोयला खदान शुरू किया जाना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जल्द शुरू होगा कोयला खदान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">खदान पांच गांव उज्जैनी, तलवा, देवरा, मझौली और तीनगुड़ी के 1926.246 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है. हालांकि भूमिगत खदान होने के कारण गोंड़बहेरा उज्जैनी परियोजना को सिर्फ 40 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी. ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजना के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने निर्धारित मानकों की जांच की. वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, जल संसाधन, ध्वनि स्तर, भूमि पर्यावरण, मृदा की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया. अध्ययन में पाया गया कि सभी निर्धारित मानक और पर्यावरणीय प्रबंधन का प्रावधान रखा गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/10/05/625dd8a506490718dce80f2f4fc3efa51728150038233211_original.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रोजगार सृजन की बढ़ी उम्मीद</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कोयला खनन प्रोजेक्ट 51 वर्षों तक चलेगा. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर भूमिगत खनन से कोयला उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है. कोयला उत्पादन की प्रति वर्ष क्षमता 41.2 लाख टन है. खनन परियोजना के संचालित होने से रोजगार का सृजन होगा. माना जा रहा है कि आय में वृद्धि से लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा. खनन परियोजना से मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. कंपनी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए विस्तार से योजना बनायी है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>(रिपोर्ट- देवेंद्र पांडेय)</strong></p>
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