सत्येंद्र जैन की सेल में 2 कैदियों के तबादले पर तिहाड़ प्रशान सख्त, जेल अधीक्षक को नोटिस – tihar jail satyendra jain cell show cause notice jail superintendent ntc
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाई सिक्योरिटी तिहाड़ जेल में बंद हैं. तिहाड़ में बंद सत्येंद्र जैन की सेल में जेल अधीक्षक ने दो कैदियों का ट्रांसफर कर दिया था. इसे लेकर सत्येंद्र जैन की सुरक्षा पर सवाल उठे तो अब तिहाड़ जेल प्रशासन एक्शन में आ गया है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मामले में अब जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
बताया जाता है कि तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने 11 मई के दिन जेल अधीक्षक को एक आवेदन दिया था. सत्येंद्र जैन ने अपने आवेदन में काफी अकेलापन महसूस करने की बात कही थी और ये भी कहा था कि हमारे साथ कम से कम दो से तीन कैदियों को रखा जाए. सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा था कि मनोचिकित्सक ने अकेला नहीं रहने की सलाह दी है.
सत्येंद्र जैन ने मनोचिकित्सक की ओर से सामाजिक दायरा बढ़ाने की सलाह का भी उल्लेख अपने आवेदन में किया था. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री के इस आवेदन पर तिहाड़ जेल की जेल नंबर सात के अधीक्षक ने उनके सेल में दो कैदियों का ट्रांसफर भी कर दिया था. जेल अधीक्षक के इसी फैसले को लेकर सवाल उठने लगे थे.
हालांकि, मामले ने तूल पकड़ा तब तिहाड़ जेल प्रशासन एक्शन में आ गया. सत्येंद्र जैन की सेल में ट्रांसफर किए गए दोनों कैदियों को तत्काल उनकी पुरानी सेल में वापस भेज दिया गया. तिहाड़ जेल प्रशासन ने इस मामले में अब जेल नंबर सात के जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब भी तलब कर लिया है.
तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, जेल नंबर सात के अधीक्षक ने प्रशासन को जानकारी दिए बिना ये निर्णय लिया था. कहा ये भी जा रहा है कि नियमों के मुताबिक जेल प्रशासन को जानकारी दिए बिना या जेल प्रशासन से बिना अनुमति लिए इस तरह का निर्णय जेल अधीक्षक नहीं ले सकते. इसी वजह से जेल प्रशासन ने कैदियों को वापस उनकी पुरानी सेल में भेजने के बाद अब जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
सुरक्षा को लेकर उठ रहे थे सवाल
तिहाड़ जेल में बंद कैदियों के बीच गैंगवार की घटनाओं और पिछले कुछ दिनों में दो कैदियों की हत्या के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए थे. तिहाड़ में बंद सत्येंद्र जैन की सेल में दो कैदियों के तबादले के बाद इस फैसले पर उनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे थे.