शिमला के बाद दूसरे जिलों में भी फैली मस्जिद विवाद की आग, कई जगह निकली रैलियां, बंद रहे बाजार
मंडी में भी मस्जिद विवाद, कोर्ट में है मामला
मंडी के जेल रोड पर बनी एक मस्जिद में अवैध निर्माण पर भी विवाद है. स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे. बाद में मामला नगर निगम आयुक्त कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने 13 सितंबर को मस्जिद के ऊपर के 2 फ्लोर को अवैध करार दिया और इसे तोड़ने के लिए 30 दिन का समय दिया. मस्जिद की बाउंड्री भी पीडब्ल्यूडी की जमीन पर बनी है. विवाद बढ़ने पर मुस्लिम समुदाय ने दीवार के एक हिस्से को खुद तोड़ना शुरू कर दिया है, लेकिन हिन्दू समुदाय और प्रदर्शनकारी इसे पूरी तरह से तोड़ने की मांग कर रहे हैं.
यह जमीन 70 साल पहले किसी मुस्लिम महिला के नाम थी. हालांकि जांच हुई तो जमीन कुछ सरकारी निकली. नक्शा पास नहीं था, इसलिए नगर निगम ने जून 2024 में निर्माण कार्य रुकवाया. इसे लेकर निगम अफसरों ने कमिश्नर कोर्ट में केस किया है. मंडी में मस्जिद की दो अवैध मंजिल तोड़ने का आदेश दिया है. इसके लिए नगर निगम कमिश्नर को कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया है.
शिमला के सुन्नी में मस्जिद विवाद, निकाली रोष रैली
शिमला जिला के सुन्नी में कथित अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं. लोगों ने सुन्नी बाजार में रोष रैली निकाली और कथित अवैध मस्जिद के निर्माण की जांच और इसे गिराने की मांग की. लोगों का कहना है कि सुन्नी में प्राचीन काली माता मंदिर के 200 मीटर नजदीक मस्जिद बनाईं गई है और यह अवैध है. उन्होंने कहा कि मंदिर डेढ़ सौ साल पुराना है, ऐसे में हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंची है, इसलिए मस्जिद को गिराया जाए. मंदिर के 200 मीटर के दायरे में मस्जिद बनाईं ही नहीं जा सकती है.
मस्जिद के विरोध में आज लोगों ने धरना प्रदर्शन किया, रोष रैली निकाली और बाजार बंद रखे. लोगों ने बताया कि पहले घर बनाया गया, फिर उसे मस्जिद में तब्दील कर दिया गया जबकि कानूनन मंदिर के दो सौ मीटर तक मस्जिद बनाई ही नही जा सकती है.
कुल्लू में लोगों का विरोध प्रदर्शन, लगे जय श्रीराम के नारे
शिमला से शुरू हुआ विवाद मस्जिद विवाद मामले की भड़की आग की आंच अब कुल्लू जिले तक पहुंच गई है. शनिवार (14 सितंबर) को कुल्लू के अखाड़ा बाजार में लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर कहा कि मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है और यह क्षेत्र में अतिक्रमण का हिस्सा है. विरोध करने वाले लोगों ने प्रशासन से इस अवैध निर्माण को तुरंत हटाने की मांग की है.
कांगड़ा जिला के पालमपुर उपमंडल में मस्जिदों में अवैध निर्माण और विशेष समुदाय के लोगों की बढ़ रही तादाद को देख हिंदू संगठनों के आह्वान पर लोगों ने शहर में विरोध-प्रदर्शन किया और रैली निकाली. इस दौरान जय श्री राम के नारे भी लगते रहे. विरोध प्रदर्शन में बाहरी राज्यों से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखा गया. हिंदू संगठनों के आह्वान पर पालमपुर में आयोजित इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.
पांवटा साहिब में बाजार बंद रखकर लोगों ने जताया गुस्सा
पांवटा साहिब में संजौली और मंडी में अवैध निर्माण के विरोध में बाजार बंद कर लोगों ने रोष रैली निकाली. हिन्दू संगठनों ने स्थानीय व्यापार मंडल के साथ मिलकर पांवटा साहिब शहर के बाजार को पूरी तरह बंद करवा दिया. मस्जिद निर्माण के मुद्दे को लेकर क्षेत्र में पहले से ही तनाव बना हुआ था, लेकिन हिंदू संगठनों की शनिवार की कार्रवाई ने इसे और बढ़ा दिया. इस दौरान पावटा में सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर अढ़ाई बजे तक सभी छोटे और बड़े व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.
हिंदू संगठनों ने वाल्मीकि चौक से एसडीएम कार्यालय तक एक बड़ी रोष रैली का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए. हिंदू संगठनों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मस्जिद का निर्माण न केवल अवैध है, बल्कि यह स्थानीय, धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे और अवैध मस्जिद के निर्माण को रोकने के लिए कदम उठाए.
घुमारवीं में सरकारी जगह पर मस्जिद बनाने का आरोप
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में भी मस्जिद के अवैध निर्माण का आरोप बिलासपुर के घुमारवीं में लगाया गया है. हिन्दू जागरण मंच ने आरोप लगाया है कि घुमारवीं के बड्डू मुहल्ले में मस्जिद सरकारी जगह पर बनाई जा रही है, इसके लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है. नगर परिषद ने इस मामले में अनभिज्ञता जताई है.
घुमारवीं में हिन्दू जागरण मंच पदाधिकारी विशाल नड्डा ने इस मामले में कहा कि इस मस्जिद का मौलवी सहारनपुर का रहने वाला है. वह यहां पर मजदूर लाकर इस मस्जिद का निर्माण करवा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर मस्जिद बन रही है, उसमें से संभवतः एक छोटा हिस्सा ही उनका खुद का है, बाक़ी जमीन सरकारी है.