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शहाबुद्दीन की पत्नी और बेटा को लालू-तेजस्वी ने RJD में शामिल कराया, जानिए कैसे और क्यों मिट गईं दूरियां


Hina And Osama Sahab Joined RJD: सिवान का सुल्तान और न जाने कितने तमगों, विशेषणों के साथ-साथ कुख्यात अपराधी और नेता का तमगा हासिल करने वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन (Shahabuddin) का परिवार आज फिर से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ आ गया. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब (Hina Sahab) और बेटे ओसामा शहाब (Osama Sahab) ने आज राजद का दामन थाम लिया. राजद सुप्रीमों लालू यादव (Lalu Yadav) और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनावों में ओसामा को रघुनाथपुर से चुनाव लड़ाया जा सकता है.ओसामा सिवान के युवाओं में अपने पिता की तरह काफी लोकप्रिय हैं और उनके वीडियो और शॉट्स काफी लोकप्रिय हैं. 

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यूं तो शहाबुद्दीन और लालू परिवार की घनिष्टता बहुत गहरी रही है, लेकिन शहाबुद्दीन की मौत के बाद परिवार को ऐसा लगा कि लालू यादव ने उनका साथ छोड़ दिया. हालांकि, लालू परिवार ने कभी शहाबुद्दीन के परिवार के खिलाफ कोई बात नहीं की, लेकिन सिवान में उनके परिवार से किसी को टिकट भी नहीं दिया.शहाबुद्दीन की मौत 2021 में कोरोना की वजह से हुई थी. तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काटते समय उन्हें कोरोना हुआ और फिर मौत हो गई थी.  शहाबुद्दीन और हिना शहाब का एक बेटा ओसामा और दो बेटी हीरा शहाब और तसनीम शहाब हैं. ओसामा शहाब गवाह हत्या के मामले में आरोपी हैं.

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हालांकि, शहाबुद्दीन की पत्नी शहाबुद्दीन के जिंदा रहते ही राजनीति में सक्रिय हो गईं थीं.शहाबुद्दीन के जेल में रहने पर हिना ही सबकुछ देखती थीं.हिना शहाब ने ग्रेजुएशन किया है. सिवान के कॉलेज में हिना अकेली ऐसी लड़की थी, जो बुर्का पहन पढ़ने आती थीं.आपराधिक मामले में सजा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने शहाबुद्दीन के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था.वह 2009 के लोकसभा चुनाव में मैदान में नहीं उतर सकते थे.ऐसे में राजद ने शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को 2009 और 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सिवान सीट से टिकट दिया था.हालांकि, निर्दलीय ओम प्रकाश यादव ने 2009 में उन्हें 63000 हजार वोट से हरा दिया था.इसके बाद 2014 में बीजेपी के टिकट पर ओम प्रकाश ने 1 लाख से भी ज्यादा वोट से हिना को हरा दिया.  शहाबुद्दीन की मौत के बाद 2024 का लोकसभा चुनाव हिना ने निर्दलीय लड़ा,लेकिन हार गईं.

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 शहाबुद्दीन और लालू यादव की जोड़ी ने बहुत साल बिहार और खासकर सिवान पर राज किया. मगर शहाबुद्दीन के न रहने पर सिवान वाले इलाके में राजद की पकड़ कमजोर हो गई.उधर, शहाबुद्दीन की पत्नी भी कुछ खास कमाल अकेले न कर पाईं. ऐसे में दोनों पक्षों के अपनी-अपनी नाराजगी को दूर करना पड़ा. 2025 बिहार विधानसभा चुनाव लालू और तेजस्वी यादव के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उधर, शहाबुद्दीन की पत्नी हिना को अपने बेटे की चिंता है. साथ ही ओसामा की राजनीति में एंट्री भी करवानी है और यह बगैर लालू यादव की मदद के संभव नहीं है. ऐसे में दोनों पक्षों को साथ आना फायदा का सौदा लगा. लालू यादव को इससे सिवान के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों को साधने का मौका मिल जाएगा तो ओसामा की विधानसभा जाने के लिए दरवाजे खुल गए हैं.

ओसामा और उनकी मां के पार्टी में शामिल होने से उत्साहित तेजस्वी यादव ने आज एक्स पर ट्वीट कर लिखा, “जीत रहे हम, जीत रहा बिहार.” अब इस ट्वीट से ऐसा लग रहा है कि तेजस्वी ये मानकर चल रहे हैं कि वो 2025 का चुनाव जीत रहे हैं. मगर भाजपा और जदयू के साथ-साथ उनके लिए प्रशांत किशोर भी बड़ी टेंशन बन गए हैं. प्रशांत किशोर अपनी पार्टी जन सुराज के साथ बिहार को बदलने का दावा कर रहे हैं. मुस्लिम उनके साथ काफी जुड़ रहे हैं. लालू और तेजस्वी का सारा समीकरण ही यादव-मुस्लिम के बल पर है. अगर मुस्लिम वोटबैंक चला जाए या उसमें सेंधमारी भी हो जाए तो लालू-तेजस्वी की पूरी ताकत ही समाप्त हो जाएगी. नीतीश कुमार पहले ही मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी करते रहे हैं. ओवैसी का भी बिहार में दायरा बढ़ रहा है. ऐसे में शहाबुद्दीन की पत्नी और बेटा को पार्टी में लाकर और पूरी इज्जत देकर लालू यादव मुस्लिम वोटबैंक को अपने साथ जोड़े रखने का प्रयास कर रहे हैं. 







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