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वनतारा प्रोजेक्ट | वनतारा प्रोजेक्ट


Vantara Jamnagar: गुजरात में स्थित वानतारा बचाव केंद्र, अरुणाचल प्रदेश के जंगलों में लकड़ी उद्योग से बचाए गए 20 हाथियों को नया घर देने की तैयारी में है. इन हाथियों में 10 नर, 8 मादा शामिल हैं. वानतारा इन हाथियों के लिए एक ऐसा वातावरण देगा, जो उनके प्राकृतिक आवास के समान है, जहां वे जंजीरों से मुक्त होंगे और उन्हें कोई काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा.

यह बचाव अभियान त्रिपुरा उच्च न्यायालय की ओर से गठित हाई पावर कमेटी की स्वीकृति और भारत के सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में संचालित हुआ. इसके अलावा, जानवरों के मौजूदा मालिकों की सहमति से इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया. बचाए गए हाथियों में लक्ष्मी, माया और रामू जैसे कई व्यक्तिगत कहानियां हैं जो उनकी दुर्दशा को बताती हैं.

लक्ष्मी: 10 साल की है, जो गंभीर घावों के कारण अपने पिछले पैरों पर वजन सहन करने में असमर्थ है.
माया: उम्र 2 साल , जिसे उसकी माँ रोंगमोती के साथ बचाया गया, जो लंबे समय तक लकड़ी काटने के काम से बड़े घावों से पीड़ित है.
रामू को गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक यातनाएं झेलनी पड़ीं.

वानतारा में जीवन का पुनर्निर्माण
वानतारा का उद्देश्य इन हाथियों को आजीवन देखभाल और पुनर्वास प्रदान करना है. यह केंद्र न केवल हाथियों की देखभाल करेगा बल्कि उनके मालिकों और उनके परिवारों को आजीविका के नए अवसर भी प्रदान करेगा. महावतों को हाथियों के ह्यूमन मैनेजमेंट के तरीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि भविष्य में सही से देखभाल किया जा सके. 

कानूनी और प्रशासनिक अनुमतियां
वानतारा ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत सभी आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं. इनमें गुजरात वन विभाग से क्लीयरेंस प्रमाण पत्र और अरुणाचल प्रदेश वन विभाग से परिवहन परमिट शामिल हैं. हाथियों को विशेष रूप से डिज़ाइन की गई एम्बुलेंस में ले जाया जाएगा, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करेगी.

विशेषज्ञों की टीम और देखभाल
हाथियों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 200 से अधिक विशेषज्ञों की एक स्पेशल टीम तैनात की जाएगी. इस टीम में हाथी के पशु चिकित्सक, पैरावेट, सीनियर केयरगिवर और एम्बुलेंस चालक शामिल हैं, जो सख्त परिवहन दिशा-निर्देशों और पशु कल्याण मानकों का पालन करेंगे.

वानतारा की भूमिका और भविष्य
इटानगर जैविक उद्यान के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोरंग तड़प ने वानतारा की पहल को हाथियों के लिए एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क बताया है. यह केंद्र न केवल हाथियों को एडवांस्ड मेडिकल ट्रीटमेंट और आजीवन देखभाल करेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को वैकल्पिक आजीविका भी प्रदान करेगा.

हाथियों को एक नई जिंदगी देना मकसद
बता दें कि वनतारा प्रोजेक्ट रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स में शुरू किया गया है. वानतारा बचाव केंद्र का उद्देश्य शोषणकारी उद्योगों से बचाए गए हाथियों को एक नई जिंदगी देना है. यह पहल न केवल जानवरों के कल्याण को बढ़ावा देती है बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए नए अवसर भी लाती है. वानतारा में हाथियों को उनका खोया हुआ सम्मान और गरिमा वापस मिलेगी, जिससे वे स्वतंत्र और स्वस्थ जीवन जी सकें.

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