लेटरल एन्ट्री का विज्ञापन सरकार ने लिया वापस तो राहुल गांधी बोले- हर कीमत पर करेंगे रक्षा
UPSC Lateral Entry: पदों में आरक्षण को लेकर उठे विवाद के बीच केंद्र ने मंगलवार (20 अगस्त) को यूपीएससी से नौकरशाही में लेटरल एंट्री के लिए ताजा विज्ञापन वापस लेने के लिए कहा है. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को चिट्ठी लिखकर विज्ञापन रद्द करने को कहा ताकि हाशिए पर पड़े समुदायों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके. मामले पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे. बीजेपी की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे. मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे. जय हिन्द.”
पीडीए ने झुका दिया, बोले अखिलेश यादव
वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद ने कहा, “यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है. सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है. बीजेपी के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये PDA में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है.”
उन्होंने आगे कहा, “इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के ख़िलाफ़ 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध करेगी. जिस तरह से जनता ने हमारे 2 अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, ये उस एकजुटता की भी जीत है. लेटरल एंट्री ने बीजेपी का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.”