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लड्डू विवाद के बीच भक्तों के लिए खुशखबरी! तिरुपति दर्शन का है सुनहरा मौका, ये जगहें भी हैं खास



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<div class="GI74Re nDgy9d" style="text-align: justify;"><strong>Tirumala Temple:</strong> तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मामले के बाद तिरुपति ने दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग शेड्यूल की घोषणा कर दी है है. तिरुपति, आंध्र प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है जो पवित्र तिरुमाला मंदिर और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है.</div>
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<div class="GI74Re nDgy9d" style="text-align: justify;">आध्यात्मिक आकर्षण से अलावा यहां यात्री झरनों, हरे-भरे बगीचों और ऐतिहासिक किलों को देख सकते हैं. अहम ये है कि ये समय इस शहर और यहां के आकर्षक स्थलों को देखने के सबसे उपयुक्त है. जहां तिरुपति बालाजी मंदिर लाखों लोगों को आकर्षित करता है तो वहीं प्रकृति प्रेमी भी यहां की खास जगहों का लुत्फ ले सकते हैं.&nbsp;</div>
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<div class="GI74Re nDgy9d" style="text-align: justify;"><strong>तिरुमाला मंदिर</strong></div>
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<div class="GI74Re nDgy9d" style="text-align: justify;">तीर्थयात्रियों के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम एक आकर्षण का केंद्र है जो शेषचलम रेंज के ऊपर बसा है. ये भारत के सबसे समृद्ध मंदिरों में से एक है जिसे भव्य आभूषणों से सजाया गया है. ये 24 घंटे खुलता है और विशेष पूजा सुबह 5:30 बजे से सुबह 7:00 बजे तक होती है. यहां पर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी के बीच का है. यहां का प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति 20 रुपये है जबकि विशेष प्रवेश दर्शन के लिए 100 और 300 रुपये लगते हैं.</div>
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<p class="wp-block-heading" style="text-align: justify;"><strong>श्री वेंकटेश्वर मंदिर</strong></p>
<p class="wp-block-heading" style="text-align: justify;">श्री वेंकटेश्वर मंदिर, <span class="jCAhz ChMk0b"><span class="ryNqvb">तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का ही हिस्सा है, जो 12वीं शताब्दी में बनकर तैयार हुआ. रोजाना यहां करीब 50 हजार तीर्थयात्री आते हैं. इस मंदिर में बाल मुंडवाने के साथ ही प्रसाद भी चढ़ाया जाता है जो इसके विशेष अनुष्ठान का ही हिस्सा है. यहां प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे तक विशेष पूजा होती है. यहां </span></span><span class="jCAhz ChMk0b"><span class="ryNqvb">यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर और अक्टूबर माना जाता है.&nbsp;</span></span></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>श्रीकालहस्ती मंदिर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">श्रीकालहस्ती को हवाओं का मंदिर भी कहा जाता है और तिरुपति से इसकी दूरी 36 किलोमीटर है. श्रीकालहस्ती मंदिर में चोल वास्तुकला का अद्भुत नमूना देखा जा सकता है. ये सबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुलता है और यहां यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च तक का है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>टीटीडी गार्डन: एक बोटैनिकल रिट्रीट</strong></p>
<p style="text-align: justify;">टीटीडी गार्डन&nbsp; 462 एकड़ में फैला हुआ है ये अपनी हरियाली के लिए जाना जाता है. यहां 14वीं शताब्दी से खेती की जा रही है. यहां तरह-तरह के फूल यात्रियों को काफी आकर्षित करते हैं. इसके फूलों की मंदिरों में आपूर्ति की जाती है. यहां वार्षिक पुष्प शो भी आयोजित होता है. यहां घूमने के लिए सालभर में किसी भी महीने में आया जा सकता है. ये सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुलता है.&nbsp;</p>
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