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रॉबर्ड वाड्रा से ED की पूछताछ पर अशोक गहलोत भड़के, 'बार-बार बुलाकर…'



<p style="text-align: justify;">प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (15 अप्रैल) को रॉबर्ड वाड्रा से पूछताछ की. इस पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा को बार बार बुलाकर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. रॉबर्ड वाड्रा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong> नेशनल हेराल्ड को लेकर क्या बोले?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मोदी सरकार की एजेंसी ED द्वारा कांग्रेस पार्टी और नेशनल हेराल्ड की 661 करोड़ रुपये कीमत की संपत्तियों को कब्जे में लेने की कार्रवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’अब ED की ये कार्रवाई निंदनीय'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पूर्व सीएम ने आगे लिखा, "भाजपा सरकार की मंशा है कि ऐसे प्रयासों से वह धीरे-धीरे कांग्रेस को आर्थिक रूप से अक्षम बना दे. लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग के जरिये कांग्रेस के बैंक खातों को सील कर ऐसा प्रयास किया गया था. पहले IT और अब ED की ये कार्रवाई निंदनीय है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’किसी भाजपा नेता को एक नोटिस तक नहीं दिया'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसके साथ ही उन्होंने कहा, "नेशनल हेराल्ड केस को अब पांच साल से भी अधिक का समय हो गया है. ED कांग्रेस के खिलाफ तो गैर-कानूनी रूप से कार्रवाई कर रही है. भाजपा को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड्स में साफ तौर पर कंपनियों से अवैध वसूली के सबूत मिले परन्तु ED ने किसी भाजपा नेता को एक नोटिस तक नहीं दिया. इसी प्रकार श्री रॉबर्ट वाड्रा को बार-बार पूछताछ के लिए बुलाकर मीडिया ट्रायल किया जा रहा है. कांग्रेस एक जन आंदोलन की पार्टी है. ऐसी कार्रवाइयों से भाजपा सरकार और ED हमारे मनोबल को नहीं तोड़ सकती."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रॉबर्ट वाड्रा ने क्या कहा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि ईडी ने साल 2008 के हरियाणा लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में रॉबर्ट वाड्रा के बयान दर्ज किए. वाड्रा ने इसे बदले की राजनीति करार दिया. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ घंटों समय बिताया है, हजारों पन्नों की जानकारी साझा की है, फिर भी एजेंसी बार-बार उन्हीं मामलों को उठाती है.</p>



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