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'राहुल गांधी और प्रियंका की जीत के पीछे कट्टरपंथी संगठन', CPIM नेता ने किया दावा, कांग्रेस का पलटवार



<p style="text-align: justify;">वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की लोकसभा जीत के बारे में केरल की सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो के सदस्य ए. विजयराघवन की हालिया विवादास्पद टिप्पणी की रविवार (22 दिसंबर, 2024) को कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेताओं ने तीखी आलोचना की. कांग्रेस नेताओं ने वरिष्ठ माकपा नेता पर संघ परिवार को खुश करने के लिए यह टिप्पणी करने का आरोप लगाया, जबकि उसकी सहयोगी और विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) में घटक आईयूएमएल ने आरोप लगाया कि वह समाज में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं. &nbsp; &nbsp;&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">वायनाड में शनिवार को एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान विजयराघवन ने कथित तौर पर दावा किया कि राहुल गांधी ने सांप्रदायिक ताकतों के समर्थन से दो बार बड़ी जीत हासिल की और प्रियंका गांधी की प्रचार रैलियों में चरमपंथी तत्व मौजूद थे. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने विजयराघवन की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर सांप्रदायिक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने में संघ परिवार भी हिचकिचा सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कांग्रेस नेता ने लगाए आरोप</strong> &nbsp;&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">वेणुगोपाल ने सवाल किया कि क्या माकपा की भी यही राय है. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo; माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस तरह सांप्रदायिक तरीके से कैसे बोल सकता है?&rsquo;&rsquo; कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, &lsquo;&lsquo;यह भाजपा को खुश करने के लिए एक समझौते का हिस्सा है. यह केवल माकपा का बयान नहीं है. यह राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए भाजपा का उद्धरण है.&rsquo;&rsquo; केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं तथा माकपा पर संघ परिवार द्वारा प्रचारित उसी सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या बोले केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सतीशन ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा, &lsquo;&lsquo;संसदीय चुनावों के बाद, माकपा बहुसंख्यकों को खुश करने में लगी हुई है. यह संघ परिवार का समर्थन हासिल करने और केंद्रीय एजेंसियों की जांच से बचने का प्रयास है.&rsquo;&rsquo; उन्होंने आरोप लगाया कि केवल विजयराघवन ही दावा कर सकते हैं कि प्रियंका गांधी ने &lsquo;आतंकवादियों&rsquo; के समर्थन से वायनाड लोकसभा सीट चार लाख से अधिक मतों से जीती है. केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (केपीसीसी)अध्यक्ष के. सुधाकरन ने विजयराघवन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी संघ परिवार के &lsquo;एजेंडे&rsquo; और &lsquo;मुस्लिम विरोधी भावनाओं&rsquo; को प्रदर्शित करती है. सुधाकरन ने सत्तारूढ़ माकपा पर चरम सांप्रदायिकता के आगे समर्पण करने तथा राज्य में आरएसएस का समर्थन करने का आरोप लगाया.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सुधाकरन ने आरोप लगाया, &lsquo;&lsquo;यही कारण है कि माकपा नेताओं की ओर से बार-बार धार्मिक सद्भाव और समाज की एकता को खतरा पहुंचाने वाली सांप्रदायिक टिप्पणियां की जा रही हैं.&rsquo;&rsquo; केपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मतदाताओं के समर्थन से जीती है, न कि अल्पसंख्यक सांप्रदायिक वोटों से. आईयूएमएल नेता पी के कुन्हालीकुट्टी और के एम शाजी ने भी विजयराघवन के बयानों की निंदा करते हुए उन्हें &lsquo;क्रूर&rsquo; और &lsquo;निराधार&rsquo; करार दिया. कुन्हालिकुट्टी ने कहा, &lsquo;&lsquo;यह दावा करना कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की जीत अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता के कारण हुई, बहुसंख्यक सांप्रदायिकता को भड़काने का प्रयास है.&rsquo;&rsquo; उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;यह पूरे भारत में भाजपा की राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है. माकपा केरल में इसी दृष्टिकोण के साथ प्रयोग कर रही है.&rsquo;&rsquo;</p>
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