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राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ला सकता है अविश्वास प्रस्ताव!


राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. विपक्ष से जुड़ी हुई कुछ पार्टियों ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर चर्चा शुरू की है. हालांकि इसको लेकर अभी कोई आम सहमति नहीं बन पाई है. अगले एक-दो दिनों में इस पर आम सहमति बनाने का काम किया जाएगा.

राज्यसभा में सोमवार (9 दिसंबर 2024) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संबित पात्रा और निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया. भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ‘उच्च दर्जे के गद्दार’ हैं और दावा किया कि कांग्रेस पार्टी कथित तौर पर भारत के खिलाफ सोरोस के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. इन आरोपों के लेकर कांग्रेस ने माफी की मांग की. इसे लेकर सदन में हंगामा जारी रहा और सदन ठप पड़ गया.

कैसे चलाएं सदन, इसपर हुई मीटिंग 

सदन ठप पड़ने की स्थिति में सभापति जगदीप धनखड़ ने भारत की एकता और संप्रभुता के लिए आंतरिक और बाहरी खतरों के बारे में चिंता जाहिर की और आगाह किया कि “डीप स्टेट” का प्रभाव “कोविड बीमारी से भी अधिक घातक है.”

एक ही दिन में तीन बार स्थगित होने के बाद सभापति धनखड़ ने सदन के नेता और विपक्ष के नेता के बीच बैठक की. जगदीप धनखड़ बोले, “उस बैठक का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि सदन सुचारू रूप से चले. दोनों पक्षों ने खुलकर चर्चा की और उन्होंने दो बातों का संकेत दिया.  पहला, राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता हमारे लिए पवित्र है. हम देश के भीतर या बाहर किसी भी ताकत को हमारी एकता, हमारी अखंडता और हमारी संप्रभुता को अपमानित करने की इजाजत नहीं दे सकते.”

हंगामे को लेकर फिर से होगी बैठक

उन्होंने कहा कि नेताओं ने चर्चा जारी रखने के लिए मंगलवार (10 दिसंबर 2024) को सुबह 10:30 बजे उनके कक्ष में फिर से मिलने पर सहमति दी है. सभापति धनखड़ ने सदस्यों से अपनी संवैधानिक शपथ को बनाए रखने और राष्ट्रीय अखंडता को प्राथमिकता देने की अपील की. ​​उन्होंने कहा, “राष्ट्र की एकता और अखंडता को अंदर या बाहर से किसी भी चुनौती के लिए हम सभी को एकजुट होकर चुनौती देने की आवश्यकता है. यह हमारे अस्तित्व के लिए एक चुनौती है.”

सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “हम एक राष्ट्र के रूप में दुष्ट ताकतों, भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं… एक गहरी ताकत जो उभर रही है, उसे हम सभी की ओर से बेअसर करने की दरकार है.”

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