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ये है भारत की पहली एक्ट्रेस जिन्होंने खरीदी थी रॉल्स रॉयस कार, लेकिन 24 की उम्र में राज कपूर की फिल्म ने बदल डाली थी करियर की दिशा




नई दिल्ली:

राज कपूर (Raj Kapoor)  की 1955 में एक फिल्म आई थी श्री 420 ( Shree 420) . उसका गाना मुड़ मुड़ के ना देख. आपने भी जरूर देखा और सुना होगा. आशा भोसले के सुरों में सजा यह गाना आज भी लोग खूब सुनते हैं. इस गाने को उस दौर की मशहूर अदाकारा नादिरा (Nadira) और राज कपूर पर फिल्माया गया था. फिल्म में अपनी उम्दा एक्टिंग से इस एक्ट्रेस ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. इस फिल्म की हीरोइन नर्गिस थीं, लेकिन नर्गिस से भी ज्यादा चर्चा इस फिल्म में नादिरा की हुई थी. 24 साल की नादिरा ने अपने बेबाक अंदाज से लोगों को दीवाना बना दिया था. नादिरा उस दौर में एक के बाद एक कई फिल्मों में नजर आईं. कहा जाता है कि वह उस दौर में फिल्म के लिए एक बड़ी रकम चार्ज करती थीं और बॉलीवुड की रइस एक्टर्स में से एक थीं. उस दौर में फिल्म इंडस्ट्री में पहली रॉल्स रॉयस उन्होंने खरीदी थी. कहा जाता है कि उन्हें देख कर बाद में अन्य लोग भी इंडस्ट्री में महंगी गाडियां खरीदने लगे थे. हालांकि यह एक्ट्रेस जितनी तेजी से सफलता के शिखर पर पहुंची. उतनी ही तेजी से उसके करियर का ग्राफ गिरने भी लगा.

नादिरा का असली नाम फ्लोरेंस एजकिएल था

कहा जाता है कि नादिरा के पास उस दौर में फिल्मों के ऑफर्स की लाइन लगी रहती थी, लेकिन राज कपूर की एक फिल्म ने उन्हें अर्श से फर्श पर ला दिया. राज कपूर के कारण इस एक्ट्रेस का करियर खत्म हो गया और बेहद टैलेंटेड यह अदाकारा गुमनाम हो कर रह गई. इराक की राजधानी बगदाद के यहूदी परिवार में जन्मीं नादिरा का असली नाम फ्लोरेंस एजकिएल था. 1940 के दशक में उनका परिवार मुंबई आकर बस गया था. उस दौर की अभिनेत्रियां जहां सादगी वाले रोल करना पसंद करती थीं तो वहीं 1950 के दौर में नादिरा ने ना सिर्फ बेबाक एक्टिंग की, बल्कि फिल्मों में वैम्प बन निगेटिव किरदारों से लोगों की पसंद बन गई.

इराक की राजधानी बगदाद के यहूदी परिवार में जन्मीं थीं नादिरा

नादिरा का जन्म 5 दिसंबर 1932 को इराक की राजधानी बगदाद में हुआ था. उनका परिवार बाद में आकर मुंबई बस गया. 10 की उम्र में वह पहली बार हिन्दी फिल्म ‘मौज’ में दिखाई दीं. इसके बाद नादिरा को बतौर हीरोइन ब्रेक मिला  फिल्म ‘आन’ से, जिसमें उनके अपोजिट दिलीप कुमार थे. इस फिल्म के डायरेक्टर महबूब खान दिलीप कुमार के अपोजिट के नरगिस को लेना चाहते थे, लेकिन उस समय नरगिस राज कपूर के साथ फिल्म ‘आवारा’ की शूटिंग में व्यस्त थीं. नरगिस ने डायरेक्टर महबूब खान से फिल्म का शेड्यूल आगे बढ़ाने को कहा. महबूब जल्द से जल्द फिल्म पूरी करना चाहते थे और उन्हें नरगिस की बात दिल पर लग गई. उस समय नादिरा काम ढूंढ रही थीं और सभी फिल्म स्टूडियोज में फिल्मों में रोल के लिए अपनी तस्वीरें छोड़ कर जाया करती थीं.

महबूब खान ने दिया नादिरा नाम 

इसी दौरान महबूब खान की नजर 20 साल की नादिरा पर पड़ी. उन्होंने फिल्म में नादिरा को कास्ट किया और उन्हें नया नाम नादिरा दिया, क्योंकि यह नाम नरगिस से मिलता-जुलता था. फिल्म रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही. इसके बाद नादिरा ने नगमा, वारिस, जलन, डाक बाबू और रफ्तार जैसी फिल्मों में अपनी जबरदस्त अदाकारी दिखाई, लेकिन सिर्फ 24 साल की उम्र में उनका करियर खत्म हो गया. इसकी वजह बनी राजकपूर की फिल्म ‘श्री 420.’ दरअसल साल 1956 में आई फिल्म ‘श्री 420′ में नादिरा ने माया का निगेटिव रोल प्ले किया था. एक क्लब डांसर की उन्मुक्त जिंदगी को उन्होंने पर्दे पर इतने बेहतरीन तरीके के साथ जिया कि लोगों को वह किरदार असल जिंदगी में भी सच लगने लगा. इस फिल्म की हीरोइन नरगिस थीं.  लेकिन ज्यादा चर्चे नादिरा के हुए. यह रोल उनके फिल्मी करियर के लिए काल साबित हुई.

निगेटिव रोल ने खराब किया करियर

बाद में एक इंटरव्यू में नादिरा ने बताया कि दरअसल वह राज कपूर के साथ काम करना चाहती थीं. इसलिए इस रोल को उन्होंने कर लिया, लेकिन इसके बाद उनकी इमेज ‘बुरी औरत’ की बन गई…इस फिल्म के बाद उनके पास करीब 200 फिल्मों के ऐसे ही निगेटिव रोल आए. नादिरा ने ऐसे रोल करने से मना कर दिया. इसके बाद उन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गई. 1961 से 1965 वह बॉलीवुड से दूर रहीं. बाद में उन्हें कुछ छोटे रोल मिले. नादिरा ने जब बॉलीवुड में अपनी दूसरी पारी शुरू की तो उन्हें फिल्म ‘जूली’ में एंग्लो इंडियन मां के रोल के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.

अंत समय में सिर्फ मेड थी साथ 

फिल्मी करियर की तरह उनकी पर्सनल लाइफ भी उतार-चढ़ाव से भरी रही. उन्होंने पहली शादी शायर नख्शाब से की थी, लेकिन जल्द ही यह शादी टूट गई. दूसरी शादी उन्होंने एक अरबपति बिजनेसमैन से की. लेकिन यह रिश्ता भी ज्यादा लंबा नहीं चला. वह शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय की फिल्म जोश में भी एक छोटे से रोल में दिखी थीं. मां-बाप की मौत के बाद उनके भाई विदेश में बस गए और नादिरा अकेली मुंबई में रह गई. नादिरा की मृत्यु साल 2006 में 73 की उम्र में मुंबई में हुई. आखिरी पल में उनके साथ सिर्फ उनकी मेड थी.






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