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युगपुरुष आश्रम में कई बच्चों की मौत, जांच टीम पहुंचने से पहले करा दिया रंग-रोगन, सबूत मिटाने की कोशिश?



<p style="text-align: justify;"><strong>Indore News:</strong>&nbsp;युगपुरुष आश्रम में हाल ही में हुई बच्चों की मौत मामले का प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और मंत्री अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संज्ञान लिया है और घटनास्थल पर एक जांच दल भेजा है. मौके पर पहुंची टीम ने जांच के लिए आश्रम से जुड़े दस्तावेज और एक हार्ड डिस्क कब्जे में ली है. जांच करने के बाद मामले की रिपोर्ट पहले पीएमओ को सौंपी जाएगी. जांच दल की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने बताया कि आश्रम में रंग-रोगन कर दिया गया है और नए गद्दे, कूलर और पंखे लगाकर रेनोवेशन किया जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने कहा कि जिस वजह से बच्चों की मौत हुई उसके कोई सबूत अब वहां नहीं हैं. जांच के बाद अंतिम रिपोर्ट राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को सौंपी जाएगी. डॉ गुप्ता ने जोर देकर कहा, प्रधानमंत्री बच्चों से संबंधित मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>उपमुख्यमंत्री ने कहा – होगी कार्रवाई</strong><br />उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि युगपुरुष धाम एनजीओ के बाल आश्रम के बच्चों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री स्थिति से अवगत हैं और लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारों को हटाया जा सकता है. आपको बता दें कि युगपुरुष धाम एनजीओ के बाल आश्रम के बच्चों में हैजा फैलने की पुष्टि हुई है, जिससे पता चलता है कि बीमारी दूषित पानी के कारण हुई है. अब तक 85 बच्चों को इलाज के लिए चाचा नेहरू अस्पताल लाया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>39 बच्चे अभी भी अस्पातल में</strong><br />सभी मामलों में कल्चर रिपोर्ट में हैजा की पुष्टि हुई है. फिलहाल 39 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि अन्य को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है. हैजा की पुष्टि होने और आश्रम के पानी को पीने योग्य नहीं बताने वाले पानी के परीक्षण में विफल होने के बावजूद अधिकारियों ने आश्रम संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दूषित पानी से बनाया जा रहा था खाना</strong><br />दूषित पानी का उपयोग पीने और भोजन बनाने के लिए किया जा रहा था. इतना ही नहीं आश्रम में बीमारी और बच्चों की मौत के पिछले मामलों की भी प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई है. उधर, फिजिकल एकेडमी के बच्चों को दूषित भोजन से बीमार होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें से 17 बच्चे अभी भी एमवाय अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बाकी को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है.</p>
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