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‘यह मत भूलना, हमेशा…’, AAP नेता अवध ओझा को क्यों कहनी पड़ी ये बात?


Avadh Ojha Latest News: कुछ दिनों पहले ही आम आदमी पार्टी में शामिल हुए शिक्षक अवध ओझा चर्चा में हैं. ‘आप’ का दामन थामने के बाद अवध ओझा लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने बीबीसी को एक इंटरव्यू दिया. हालांकि, ये इंटरव्यू पूरा नहीं हुआ और उन्होंने बीच में ही छोड़ दिया. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं. इस मामले में उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

अवध ओझा ने कहा, “वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब न दे. कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ. उसे अवश्य देखें. दुर्भाग्य से साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वॉलंटियर ने अनजान वश पत्रकार को रोक दिया जो कि बिल्कुल सही नहीं था. लोग कह रहे उसे दंड दो, बर्खास्त करो. उसे दंड देना उचित नहीं हैं क्योंकि भाववश गलती हो गई.”

उन्होंने आगे लिखा, “बाकी मैं किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा तैयार हूं. शिक्षक हूं, प्रश्नों से ही मुझे ऊर्जा मिलती है. और यह मत भूलना, हमेशा दोस्ती बनी रहे.”

आम आदमी पार्टी में क्यों शामिल हुए अवध ओझा?

इससे पहले अवध ओझा ने बीते मंगलवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने ‘आप’ में शामिल होने से लेकर दिल्ली के शिक्षा मॉडल और चुनाव लड़ने तक के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि एक प्रेम भरा निमंत्रण है, जब आपको कोई आदमी सम्मान और निमंत्रण देता है, तब आप निश्चित रूप से उसके साथ जाना चाहोगे, बस ये ही मुख्य वजह आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करने की है.

वहीं दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते-करते कैसे उनसे इम्प्रेस हो गए? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कवि और टीचर या तो किसी बात को लेकर तारीफ करेंगे, या फिर किसी बात पर टारगेट करेंगे. टीचर होने के नाते जब हम क्लास में होते हैं तो हम किसी को भी किसी मुद्दे पर उठा सकते हैं तो ऐसा नहीं होता है कि हम किसी को व्यक्तिगत ऐसा कुछ कह रहे हैं, वो टीचर और कवि का काम है.



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