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मैंने शांति की हर कोशिश की, शायद एक दिन सदबुद्धि आए… पाकिस्तान के साथ रिश्ते पर क्या बोले PM मोदी



PM Modi on India-Pakistan Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन (Lex Fridman Podcast) के साथ चली लंबी बातचीत में भारत-पाकिस्तान संबंध के बारे में भी खुलकर बातचीत की. पीएम मोदी पाकिस्तान से संबंध सुधारने के लिए शुरू की गई कोशिशों के बारे में भी बताया.  इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान से शांति के लिए लाहौर भी गया,लेकिन परिणाम नकारात्मक मिले. पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मसले पर घेरा. 

लेक्स फ्रिडमैन ने भारत-पाकिस्तान के मसले पर पीएम मोदी से कहा, एक और बहुत ही ऐतिहासिक और जटिल टकराव रहा है, वो है भारत और पाकिस्तान का टकराव. यह दुनिया के सबसे खतरनाक टकराव में से एक है. दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश है. आप भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती और शांति का क्या रास्ता देखते हैं. 

आजादी की लड़ाई मिलकर लड़ें,  विभाजन ने दिया बड़ा दर्द

लेक्स के इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास की बाते दुनिया के बहुत लोगों को पता नहीं है. 1947 से पहले आजादी की लड़ाई सबलोग कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे थे. उसी समय नीति निर्धारक लोगों ने भारत के विभाजन को स्वीकार किया. मुस्लिमों को पाकिस्तान के रूप में देश दे दिया. भारत के लोगों ने सीने पर पत्थर रखकर बड़ी पीड़ा के साथ इसे मान लिया. लेकिन उसी समय कत्लेआम चला. पाकिस्तान से ट्रेने भर-भर के लाशें आने लगी. बड़ा डरावना द्श्य था.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि अपना पाने के बाद उन्हें लगना चाहिए कि हमें हमारा मिल गया, भारत का धन्यवाद करें. लेकिन उन्होंने भारत के साथ लगातार संघर्ष का रास्ता चुना. 

पाकिस्तान से संबंध पर पीएम मोदी ने कहा, “अब पॉक्सी वॉर चल रहा है. यह कोई आइडोलॉजी नहीं है. यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं. दुनिया में कभी भी आतंकवादी की घटना होती है तो कहीं ना कहीं सूत्र पाकिस्तान जाकर अटकता है. 9-11 आतंकवाद की कितनी बड़ी घटना थी, उसका मेन सूत्रधार ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में जाकर मिला. दुनिया पहचान गई है कि आतंकवादी मानसिकता भारत ही नहीं दुनिया भर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है.” 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम लगातार उन्हें कहते रहे हैं कि इस रास्ते से किसका भला होगा. आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए. राज्य समर्थित आतंकवाद बन होना चाहिए. शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर चला गया था. मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने मेरे शपथ समारोह के लिए पाकिस्तान को स्पेशली इनवाइट किया था. ताकि एक शुभ शुरुआत हो. लेकिन हर अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हर आशा करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी. और सुख-शांति के रास्ते पर जाएंगे. वहां की आवाम भी दुखी हो गई है, ऐसा मैं मानता हूं. इस प्रकार की लहू-लुहान, मारकाट से पाकिस्तान के लोग भी परेशान हैं. 

शपथ समारोह में बुलाना सबसे बड़ा ब्रेकथ्रूः पीएम मोदी

पाकिस्तान से संबंध सुधारने का सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू था प्रधानमंत्री बनते ही शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें इनवाइट करना. यह घटना कई दशकों के बाद हुई थी. राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी इस घटना का जिक्र अपनी किताब में बहुत अच्छे से किया है. लेकिन परिणाम सही नहीं मिले.

भारत-पाकिस्तान में किसकी क्रिकेट टीम बेहतर?

भारत-पाकिस्तान में किसकी क्रिकेट टीम बेहतर है. इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि स्पोर्ट्स पूरी दुनिया में ऊर्जा भरने और लोगों को जुड़ने का काम करते हैं. मैं स्पोर्ट्स को बदनाम होते नहीं देखना चाहूंगा. कौन अच्छा-कौन बुरा खेल की टेक्निक की बात करें तो मैं आपका एक्सपर्ट नहीं हूं, एक्सपर्ट बता सकेंगे. परिणाम से पता चलेगा कि कौन बेहतर है. हाल ही में दोनों देशों में मुकाबला हुआ था. जिसमें भारत की जीत हुई थी.  

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