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'मेरे बेटे को कुछ हुआ तो आत्मदाह कर लूंगी', अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलेने पर मां ने लगाई गुहार



<p style="text-align: justify;"><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान के भरतपुर जिले में अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर एक युवक तीन दिन से अर्द्ध भू – समाधि लिए हुए है. आज भरतपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद संजना जाटव मिलने पहुंची. सांसद संजना जाटव ने अर्द्ध भू -समाधि युवक राधेश्याम उर्फ़ गौरव को आश्वाशन दिया की वह उसकी मांग सदन में उठाएंगी.<br /><br />सांसद संजना जाटव के वहां पहुंचे की सूचना मिलने पर अर्द्ध भू – समाधि लेने वाले युवक की मां माया देवी भी वहां पहुंच गई और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए एलान किया की अनुकंपा नियुक्ति की मांग के लिए मेरा पुत्र तीन दिनों से अर्द्ध भू समाधी पर बैठा है. कई वर्षों से नेता आश्वासन दे रहे है.<br /><br /><strong>मंत्री आश्वासन के बाद भी नहीं हुआ सुनवाई</strong><br />माया देवी ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार के मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने भी आश्वासन दिया मगर कोई सुन नहीं रहा. नेता चुनाव के समय वोट की भीख मांगने आ जाते है मगर हमारी मांग की सुनवाई नहीं कर रहे है. यदि मेरे पुत्र को कुछ हो गया तो मैं खुद मुख्यमंत्री के घर जाकर आत्मदाह कर लुंगी.<br /><br /><strong>ऑन ड्यूटी हो गई थी मौत</strong><br />गौरतलब है की कुम्हेर थाना क्षेत्र के गांव पेंग़ौर निवासी 23 वर्षीय युवक राधेश्याम के &nbsp;पिता जवाहर सिंह &nbsp;सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर तैनात था जिनकी ऑन ड्यूटी तबियत खराब होने के कारण मौत हो गई थी . उस समय राधेश्याम की उम्र तीन माह थी. जब राधेश्याम की उम्र 18 वर्ष हो गई तो उसने सीआरपीएफ में अनुकम्पा नौकरी के लिए आवेदन किया.<br /><br /><strong>नहीं मिली है नौकरी</strong><br />लेकिन राधेश्याम मेडिकल में अनफिट हो गया और उसके बाद सीआरपीएफ की तरफ से राधेश्याम को नौकरी देने के लिए राजस्थान सरकार को पत्र लिखा गया था. लेकिन कई वर्षों से यह युवक अनुकंपा नियुक्ति की मांग के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है और नेताओं के चक्कर लगा रहा है. लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है. इसलिए युवक तीन दिन से अर्द्ध भू – समाधि लिए हुए है.<br /><br /><strong>क्या कहना है सांसद का</strong><br />सांसद संजना जाटव ने बताया है की तीन दिन से राधेश्याम उर्फ़ गौरव अर्द्ध भू – समाधि लिए हुए है इनके पिता सीआरपीएफ में कार्यरत थे लेकिन उनकी मौत हो गई उस समय राधेश्याम की उम्र तीन माह थी अब 18 वर्ष की उम्र होने पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. राज्य सरकार से मांग करते हुए सांसद ने कहा है की जल्दी से राधेश्याम उर्फ़ गौरव को अनुकम्पा नियुक्ति मिले और मैं इस मामले को संसद में भी उठाऊंगी.</p>
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