मां और पत्नी आईं, हर आंख हो गई नम… जानें सियाचिन में आग से लड़ने वाले कैप्टन अंशुमन की शौर्यगाथा
इसी दौरान मेडिकल इन्वेस्टिगेशन शेल्टर में आग लगता देख वह उसमें कूद पड़े ताकि जीवन रक्षक दवाइयों और उपकरणों को बचाया जा सके. तेज हवा के कारण पूरे शेल्टर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और वह देश के लिए शहीद हो गए. कैप्टन अंशुमन सिंह के अदम्य साहस और देशभक्ति को देखते हुए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.