महाराष्ट्र चुनाव 2024: अमरावती में फिर आमने-सामने आ सकता है पवार परिवार, चाचा-भतीजे में हो सकती है लड़ाई
नई दिल्ली:
अजित पवार की एनसीपी महाराष्ट्र में सरकार चला रही महायुति का हिस्सा है.एनसीपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर दी है. इसमें 38 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इस सूची के मुताबिक पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल येवला से उम्मीदवार होंगे. अजित पवार सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. बारामती से अजित पवार के खिलाफ एनसीपी (एसपी) युगेंद्र पवार को टिकट दे सकती है. युगेंद्र रिश्ते में अजित पवार के भतीजे लगते हैं.अगर ऐसा होता है कि बारामती में एक बार फिर पवार परिवार आमने-सामने होगा. इससे पहले ऐसा मुकाबला लोकसभा चुनाव में भी हो चुकी है.
बारामती की लड़ाई में कौन किसके साथ
एनसीपी (एसपी) अगर बारामती से युगेंद्र पवार को टिकट देते है तो एक साल में ऐसा दूसरी बार होगा कि पवार परिवार आमने सामने होगा. लोकसभा चुनाव के दौरान बारामती में एनसीपी (एसपी) ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और एनसीपी ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था. इस वजह से बारामती का मुकाबला बहुत तीखा हो गया था. इस लड़ाई में बाजी चाचा शरद पवार के हाथ लगी. सुप्रिया पवार ने इस चुनाव में अपनी भाभी सुनेत्रा को डेढ़ लाख के अधिक वोटों के अंतर से हरा दिया था. हालांकि बाद में कई बार अजित पवार ने इस लड़ाई को लेकर अफसोस जताया था. उन्होंने कहा कि राजनीति को परिवार तक नहीं लाया जाना चाहिए.अजित पवार ने कई बार इस बात के संकेत दिए थे कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगे.लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें बारामती से ही चुनाव लड़ने से मना लिया है. अजित पवार ने बारामती से पिछले सात विधानसभा चुनाव जीते हैं.
लोकसभा चुनाव में लड़ाई एनसीपी (एसपी) के हाथ लगी थी. एनसीपी (एसपी) ने जिन 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उसमें से आठ सीटों पर उसे जीत मिली थी. वहीं अजित पवार की एनसीपी केवल एक ही सीट जीत पाई थी.
अमरावती में सुप्रिया सुले को कैसे मिली थी बढ़त
अब विधानसभा चुनाव में एनसीपी के दोनों गुट अमरावती में आमने-सामने होंगे. वहां एनसीपी (सीपी) युगेंद्र पवार को आगे बढ़ा रही है. लोकसभा चुनाव में बारामती विधानसभा सीट पर युगेंद्र ने सुप्रिया सुले के लिए काफी मेहनत की थी. उनकी मेहनत का ही परिणाम था कि सुप्रीया वहां 48 हजार की लीड लेने में सफल रही थीं.
बारामती में अजित परिवार ने मेहनत करनी शुरू कर दी है. अजित पवार को अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिए प्रदेश के दूसरे हिस्सों में जाना है. ऐसे में उनके प्रचार की जिम्मेदारी उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे जय पवार ने उठा रखी है. अजित पवार की पार्टी ने इस बार अपने अधिकांश विधायकों को टिकट दिया है.
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