मछली पकड़ने वाले जाल में फंसकर तड़प रहा था कछुआ, शख्स ने इस तरह बचाई जान, IAS ऑफिसर ने शेयर किया VIDEO
Turtle Trapped In Fishing Net: सीनियर आईएएस ऑफिसर और सोशल मीडिया पर एक्टिव पर्यावरण प्रेमी सुप्रिया साहू (IAS officer Supriya Sahu) ने मछली पकड़ने वाले प्लास्टिक के जाल में फंसे समुद्री कछुए की जान बचाने के लिए ट्यूनीशिया (Tunisia) के रहने वाले मेचेरगुई अला (Mechergui Ala) को थैंक्यू कहा है. अला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर समुद्र में मछली पकड़ने के अपने हुनर का वीडियो पोस्ट करते रहते हैं. उन्होंने हाल ही में एक वीडियो (Viral Turtle Rescue) क्लिप शेयर किया है, जिसमें वह प्लास्टिक के जाल में फंसे एक कछुए को बचाते हुए दिखाई दे रहे हैं. सुप्रिया साहू इस शानदार वीडियो से बेहद प्रभावित हुई हैं.
हैशटैग स्टॉप प्लास्टिक पॉल्यूशन के साथ वीडियो पोस्ट (IAS officer Supriya Sahu Turtle Rescue Video)
सुप्रिया साहू ने 16 अगस्त को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में अला का वीडियो शेयर किया है. इसके साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा है कि, “प्लास्टिक से मौत. इस अनमोल कछुए को बचाने के लिए @mecherguiala को धन्यवाद.” पोस्ट के साथ उन्होंने हैशटैग स्टॉप प्लास्टिक पॉल्यूशन भी जोड़ा है. इस रेस्क्यू वीडियो में अला को समुद्र में छटपटा रहे कछुए को बचाने की कोशिश करते देखा जा सकता है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि अला ने प्लास्टिक के जाल में फंसे कछुए को पहले पानी से बाहर निकालकर अपनी नाव में रखा. उसके बाद चाकू के जरिए सावधानी से उसकी गर्दन से जाल को हटा दिया. इसके बाद पैरों के चारों ओर फंसे जाल को भी धीरे से हटा कर कछुए को वापस पानी में छोड़ दिया.
यहां देखें वायरल वीडियो
Death by plastic
Thank you @mecherguiala for saving this precious turtle #stopplasticpollution pic.twitter.com/j77kxSCbHz
— Supriya Sahu IAS (@supriyasahuias) August 16, 2024
कछुए को बचाने के लिए मेचेरगुई अला की सराहना (Turtle Rescue Video)
सोशल मीडिया यूजर्स ने कछुए को बचाने के लिए मेचेरगुई अला की सराहना की. साथ ही ऐसे मोटिवेशनल और नेचर लवर वीडियो पोस्ट करने के लिए सुप्रिया साहू की तारीफ भी की. इसके अलावा काफी यूजर्स ने पर्यावरण पर प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाले हानिकारक असर पर भी चर्चा और बहस की. यूजर्स ने लिखा कि, प्लास्टिक प्रदूषण से समुद्र, नदियों, झीलों और तालाबों समेत पर्यावरण पर भी गंभीर और खतरनाक असर होता है. माइक्रोप्लास्टिक के चलते इकोसिस्टम को नुकसान होता है और जल में रहने वाले कई जीवों का जिंदा रह पाना बेहद मुश्किल हो जाता है.