भारत में दिखा ईद का चांद, कल देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा ईद-उल-फितर का त्योहार
EID 2025: देश भर में कल सोमवार (31 मार्च, 2025) को ईद मनाई जाएगी. लखनऊ में ईद का चांद देखा गया है. ईदगाह इमाम मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष खालिद रशीद फरंगी ने एलान किया है कि आज ईद का चांद देखा गया है और कल 31 मार्च को ईद मनाई जाएगी. इससे पहले सऊदी अरब में 29 मार्च को ईद का चांद दिखा था.
ईद का त्योहार नजदीक आने के साथ ही बाजारों में भी भारी भीड़ देखी गई. रेडीमेड कपड़ों और जूतों की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे कारोबार में तेजी आई. वहीं, रमजान के अंतिम दिनों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाजारों और मंदिरों में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की खास अपील
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ईदगाह और मस्जिद के इमामों से खास अपील की है. उन्होंने कहा है कि ईद के मौके पर रोड और चौराहों में नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान नमाज पढ़ने के लिए आते हैं. इस कारण जगह कम पड़ जाती है, तो लोग रोड पर नमाज पढ़ने लगते हैं. रोड पर नमाज न पढ़ी जाए. इसका एक तरीका यह है कि नमाजियों की भीड़ बढ़ने पर पारियों को बदलें. जरूरी नहीं है कि एक ही पाली में नमाज कराई जाए. एक पाली, दो पाली, तीन पाली में भी नमाज कराई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि शरीयत में इसकी इजाजत दी गई है. इमाम को बदलकर यह व्यवस्था हो सकती है. मौलाना ने कहा कि इसके कई फायदे हैं. रोड पर जाने वाली एम्बुलेंस को कोई परेशानी नहीं होगी. सड़क पर आने-जाने वालों को दिक्कत नहीं होगी. ट्रैफिक जाम नहीं होगा. दिनचर्या आराम से चलती रहेगी. किसी को कोई दिक्कत और परेशानी नहीं होगी. इधर अच्छे से नमाज भी होती रहेगी. इस्लाम रवादारी का मजहब है. यह इंसानियत को अपनाने की बात करता है. अच्छा मुस्लिम वही है, जिसके हाथ-पैर से किसी को नुकसान न पहुंचे.
‘ईद खुशी के तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार’
मौलाना ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी पलटवार किया. ईद की नमाज में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने के ऐलान का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ईद खुशी का त्योहार है. काली पट्टी बांधने का मतलब है कि हम गम मना रहे हैं. ईद को खुशी के तौर पर मनाया जाना चाहिए. गम के तौर पर मनाना ठीक नहीं है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस फैसले को खारिज कर दें. काली पट्टी बांधने के दिन और हो सकते हैं. ईद के दिन नमाज पढ़ें और देश में अमन-चैन की दुआ मांगे.
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