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भारत को लेकर भेदभावपूर्ण रही है कनाडा की पॉलिसी, 80 के दशक में भी आतंकियों पर नहीं लिया एक्शन



<p style="text-align: justify;">भारत और कनाडा का संबंध काफी तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है. कनाडा की पॉलिसी भारत को लेकर भेद-भावपूर्ण रही है. जब सिख आतंकी खालिस्तान की मांग 80 के दशक में कर रहे थे, भिंडरावाले का समय में, उस वक्त भी कनाडा की सरकार ने आतंकियों पर कोई एक्शन नहीं लिया था.</p>
<p style="text-align: justify;">तत्कालनी भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरफ से उस वक्त कनाडा के पीएम रहे जस्टिन ट्रूडो के पिता को खत भी लिखा था. लेकिन, उन्होंने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. इसका परिणाम ये हुआ कि भारत के कनिष्का विमान को बम धमाके से उड़ा दिया गया.</p>
<p style="text-align: justify;">उसके बाद लॉ एजेंसियां हरकत में आयी और फिर माना कि सिख लोगों ने विमान को गिराया है. सिख का मतलब सारे सिख नहीं है, बल्कि 90 फीसदी सिख काफी अच्छे हैं. देशभक्त है, देश के लिए बलिदान देने वाले हैं और भारत की मिट्टी से उनका जुड़ाव है.</p>
<p style="text-align: justify;">लेकिन, एक फीसदी वो सिख जो कनाडा में बस गया है, उसका जुड़ाव भारत की मिट्टी से न होकर कनाडा की मिट्टी से हो गया है. वो चाहता है कि कनाडा जो इतना बड़ा देश है, वो खुशी से रहे, लेकिन वो भारत को तोड़ना चाहता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भारत को तोड़ना चाहते हैं खालिस्तानी आतंकी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत के पास अब ऑप्शन क्या ही बचता है. कनाडा की तरफ से भारत पर गलत इल्जाम लगाया जाता है. वहां पर आतंकी खुद गैंगवार में मारे जाते हैं. जो बब्बर खालसा आतंकी संगठन है, वो लगातार गलत काम कर रहा है. जब कोई आतंकी संगठन बनता है तो उसके विपक्ष में भी आतंकी संगठन खड़ा होता है. गैंगवॉर से क्रिमिनल्स में होते ही रहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">कनाडा सरकार का दुर्भाग्य ये है कि वे गुरवंत सिंह पन्नू जैसे लोगों को वे आतंकी न मानकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक समझ रहे हैं. ये गैंगवॉर में मरते हैं और इसका इल्जाम भारत के ऊपर लगता है. हमारे राजनयिक को चार्जशीट करने की तैयारी हो जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;">भारत के कानून को नहीं मानना और भारत के कानून के ऊपर अपना कानून लागू करना, ऐसी स्थिति में ये जरूर कहने की जरूरत है कि भारत कोई इराक नहीं है. भारत को लीबिया नहीं है. भारत की ताकत को दुनिया भलीभांति समझ चुकी है. पाकिस्तान को बचाने में अमेरिका सेना रह गई और उनका सातवां बेड़ा निकला. लेकिन भारत के सक्रिय सहयोग या उसके आशीर्वाद से बांग्लादेश बन गया.</p>
<p style="text-align: justify;">अमेरिका के कई अच्छे कृत्य हैं, जैसे- उसने दुनिया में कई आविष्कार किए. अमेरिका को जनतंत्र का मदरलैंड कहा जाता है. लेकिन, इनके कुछ बुरे काम भी हैं, जैसे- आतंकियों को ट्रेनिंग देना. गुलबुदीन हिकमतियार और जो पाकिस्तानी तत्व थे, जिन्हें ये कहा गया कि कम्युनिस्ट इस्लाम को खत्म कर देगा. इसके साथ ही, इस्लामिक कट्टरपंथियों को फंडिंग &nbsp;करना और उन्हें ट्रेनिंग देना, ये काम अमेरिका ने भी किया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>भारत की ताकत को समझती है दुनिया</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आप अगर 60 और 70 से पहले के इतिहास पर गौर करेंगे तो ये पाएंगे कि मुसलमान पहले इतने कट्टर और आतंकी नहीं होते थे. अमेरिका ने उसे कट्टर और आतंकी बनाया और अब वे खुद ही उसे मार रहा है. ऐसे में कनाडा के रिलेशन में अगर को भारत का आतंकी है तो कनाडा को उसे आतंकी ही मानना पड़ेगा.<br />भारत से वो सबूत मांगे. वैसे एक्शन न ले, सबूत मांगे. भारत सबूत देता है तो उसको गिरफ्तार करे और उसके खिलाफ कार्रवाई करे. अगर वह गैंगवॉर में मरता है तो भारत पर आरोप लगाना, ये तो तुष्टिकरण की राजनीति है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">वोट के कारण से एक लिबरल डेमोक्रेसी कनाडा जैसे देश की दुर्दशा देखकर बेहद चिंता होती है. भारत कोई इराक नहीं है और वो इसे मजाक न समझे. अमेरिका भी कनाडा के प्रति प्री-ज्यूडिश्ट रुप से पक्षपात में रह रहे हैं. भारत भी अमेरिका का दोस्त है, उसे इस बात पर भी गौर करना चाहिए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अमेरिका का पक्षपात वाला रवैया</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जब आतंकियों के खात्मे के लिए खुद यूएसए की संकल्पबद्ध है तो फिर भारत को वो समझे. आतंकी या शैतान अगर मरता है तो अमेरिका वाले कहते हैं कि स्वर्ग में आतिशबाजी होती है. लेकिन, जब भारत में हत्याएं करने वाले, कनिष्क विमान गिराने वाले की हत्या जब गैंगवॉर में होती है तो अमेरिका की छाती क्यों फटती है? वह विलाप क्यों करने लग जाता है?&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">भारत किसी भी सूरत में नहीं झुकेगा और इन्होंने जिस तरह से भारत के राजनयिकों को बेइज्जत करने की, उनके ऊपर मुकदमा चलाने की कोशिश कर रहे हैं, वो बंद करे और अगर मारा है तो भारत को सबूत सौंपे. सिर्फ बोलनेभर से नहीं होता है. ये तो हमेश कहा जाएगा कि इन आतंकियों को मिट्टी में मिला दो. मिट्टी में मिलाना, ये बोलना अलग बात है लेकिन क्राइम का एविडेंस अलग चीज है.</p>
<p style="text-align: justify;">इस तरह से भारत जैसे देश पर तोहमत मढ़ना, ये नहीं चलेगा और भारत कोई शक्ति नहीं बल्कि एक आंदोलन है. भारत एक आध्यात्मिक शक्ति है. अमेरिका के पास सैन्य शक्ति है, वो सुपर पावर है तो आध्यात्मक पावर भारत के पास है.</p>
<p style="text-align: justify;">भारत का वर्ल्ड की मीडिया और पब्लिक ओपिनियन पर बहुत बड़ा असर है. भारत को आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. ऐसे में कनाडा ने जिस तरह का रवैया दिखाया है, उसके लिए बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. भारत बिल्कुल सही दिशा में जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong> [नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं.यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]</strong></p>



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