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भारतीय मूल की इन 2 महिलाओं पर कनाडा के स्वास्थ्य और उद्योग की जिम्मेदारी, PM कार्नी ने बनाया मंत्री



ओटावा:

भारतीय-कनाडाई अनीता आनंद और दिल्ली में जन्मी कमल खेड़ा कनाडा के नये प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में शामिल हैं. पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. कार्नी (59) ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह ली है, जिन्होंने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. लिबरल पार्टी द्वारा नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो सत्ता में बने रहे.

आनंद को (58) नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्री बनाया गया है, जबकि 36 वर्षीय खेड़ा स्वास्थ्य मंत्री हैं. दिल्ली में जन्मी खेड़ा का परिवार उस समय कनाडा चला गया था, जब वह स्कूल की शिक्षा ग्रहण कर रही थीं. बाद में उन्होंने टोरंटो के यॉर्क विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल की.

कनाडा के प्रधानमंत्री की वेबसाइट पर उल्लेख है कि खेड़ा को पहली बार 2015 में ब्रैम्पटन वेस्ट से संसद सदस्य के रूप में चुना गया था. इसमें कहा गया है, “मंत्री खेड़ा संसद के लिए चुनी गई सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं. वह एक पंजीकृत नर्स, सामुदायिक स्वयंसेवक और राजनीतिक कार्यकर्ता हैं.”

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खेड़ा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एक नर्स के रूप में, मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा अपने मरीजों की सहायता के लिए मौजूद रहना था और यही मानसिकता मैं स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में भी हर दिन अपनाऊंगी. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा मुझे पर जताये गये भरोसे के लिए बहुत आभारी हूं.”

राजनीति में आने से पहले, उन्होंने टोरंटो के सेंट जोसेफ हेल्थ सेंटर में एक पंजीकृत नर्स के रूप में काम किया था.

ट्रूडो की जगह अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे बताई गई आनंद ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह इस दौड़ से हट रही हैं.

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आनंद ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे मार्क कार्नी की सरकार में नवाचार, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री के रूप में शपथ लेने पर गर्व है.”

कनाडा के प्रधानमंत्री की वेबसाइट के अनुसार आनंद को पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में चुना गया था और इससे पहले उन्होंने ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया था.

इसमें कहा गया है कि आनंद ने एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता के रूप में काम किया है और वह एक कानूनी शिक्षाविद रही हैं.




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