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भाग्य के भरोसे सफलता नहीं मिलती… IAS अफसरों को पीएम मोदी का मंत्र




नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में 17वें सिविल सेवा दिवस समारोह में शिरकत की. इस मौके पर पीएम मोदी ने लोक सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सिविल सेवा दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देता हूं… इस वर्ष का सिविल सेवा दिवस कई कारणों से बहुत खास है. इस वर्ष हम अपने संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. यह सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का भी वर्ष है… एक ऐसा सिविल सेवक जो राष्ट्र की सेवा को अपना सर्वोच्च कर्तव्य मानता है, जो लोकतांत्रिक तरीके से प्रशासन चलाता है, और ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण से भरा हुआ है, जो राष्ट्र के लक्ष्यों के लिए दिन-रात काम करता है.

जब हम विकसित भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं…

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम विकसित भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तो सरदार वल्लभभाई पटेल के ये शब्द और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं जो बहुत तेजी से बदल रही है. हमारी नौकरशाही और नीति-निर्माण पुरानी प्रणालियों पर काम नहीं कर सकते. यही कारण है कि 2014 से ही व्यवस्थागत बदलाव को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया गया है. हम बहुत तेजी से खुद को बदल रहे हैं. भारत का आकांक्षी समाज – चाहे वह युवा हो, किसान हो या महिलाएं – अभूतपूर्व सपने और महत्वाकांक्षाएं रखता है. इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें उतनी ही अभूतपूर्व गति से प्रगति की आवश्यकता है.

कोई भी परिवार, नागरिक या गांव पीछे न छूटे

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस वर्ष की सिविल सेवा थीम ‘भारत का समग्र विकास’ है. यह सिर्फ एक थीम नहीं है, यह राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. समग्र विकास का मतलब है कि कोई भी परिवार, नागरिक या गांव पीछे न छूटे. वास्तविक प्रगति छोटे बदलावों के बारे में नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर, सार्थक प्रभाव के बारे में है. हर घर में स्वच्छ पानी होना चाहिए और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए. शासन की गुणवत्ता इस बात से निर्धारित होती है कि योजनाएं लोगों तक कितनी गहराई से पहुंचती हैं और उनका जमीनी स्तर पर कितना वास्तविक प्रभाव पड़ता है.





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