Sports

ब्रिटेन शरण देने को इच्छुक नहीं, हसीना अब यात्रा के नये विकल्पों पर विचार कर रहीं




नई दिल्ली:

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की लंदन जाने की योजना में अड़चन आ गई है क्योंकि ब्रिटेन उन्हें शरण देने को इच्छुक नजर नहीं आ रहा है और ऐसे में अगले कुछ दिनों तक उनके भारत से बाहर जाने की संभावना नहीं है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद हसीना सी-130जे सैन्य परिवहन विमान से सोमवार को हिंडन एयरबेस पर पहुंचीं। इसके बाद, उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है.

सूत्रों ने बताया कि हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ अस्थायी शरण के लिए भारत से लंदन जाने वाली थीं, लेकिन इस विकल्प पर अभी आगे नहीं बढ़ा जा रहा है। इससे पहले, ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिया था कि बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर किसी भी संभावित जांच के खिलाफ हसीना को ब्रिटेन में कानूनी संरक्षण नहीं मिल सकता है.

एक सूत्र ने बताया कि माना जा रहा है कि हसीना अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बेलारूस, कतर, सऊदी अरब और फिनलैंड सहित कई अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं.

संसद में दिए बयान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया. विदेश मंत्री ने कहा कि कल हसीना ने कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी. विदेश मंत्री कहा, “हमें साथ ही बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं.’

सूत्रों ने बताया कि अवामी लीग की नेता हसीना की भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना थी और उनके सहयोगियों ने हिंडन पहुंचने से पहले भारतीय अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया था.

हसीना ने लंदन जाने का फैसला इसलिए किया कि रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं। ट्यूलिप वित्त मंत्रालय में आर्थिक सचिव हैं और लेबर पार्टी की सांसद हैं.

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोमवार को लंदन में एक बयान में कहा कि बांग्लादेश ने पिछले कुछ हफ्तों में अभूतपूर्व हिंसा और जान-माल की हानि देखी है और देश के लोग ‘‘घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं।”

ब्रिटेन के आव्रजन नियमों के तहत, ब्रिटेन के बाहर से शरण के लिए आवेदन करना संभव नहीं है और शरण के प्रत्येक दावे पर मामला-दर-मामला आधार पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाता है.

एक विशेषज्ञ ने कहा कि ब्रिटेन का जरूरतमंद लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का रिकॉर्ड रहा है, लेकिन साथ ही उसके आव्रजन नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी को शरण या अस्थायी शरण लेने के लिए ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी जाए.

विशेषज्ञ ने कहा कि जिन लोगों को अंतरराष्ट्रीय संरक्षण की आवश्यकता है, उन्हें सबसे पहले सुरक्षित देश में शरण लेनी चाहिए. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि हसीना ने भारत को अपने संभावित भावी कदमों के बारे में जानकारी दे दी है. यह भी पता चला है कि हसीना के परिवार के सदस्य फिनलैंड में भी हैं और इसलिए वह उत्तरी यूरोपीय देश जाने के विकल्प पर भी विचार कर रही हैं.

सूत्रों ने कहा कि हसीना की यात्रा योजनाओं में कुछ अड़चन आ गई हैं और वह अगले कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं.

हसीना (76) ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। यह विरोध-प्रदर्शन नौकरी में आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद यह एक बड़े आंदोलन में बदल गया और हसीना को सत्ता से हटाने की मांग शुरू हो गई थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *