बेसमेंट में अवैध सेंटर, 100 की जगह 200 छात्र; दिल्ली में कोचिंग सेंटर ऐसे बन रहे काल?
नई दिल्ली:
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग हादसे के बाद से विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं. बेसमेंट में 3 आईएएस छात्रों की बारिश के पानी में डूबने से मौत के बाद प्रशासन जाग गया. ओल्ड राजेंद्र नगर में अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की गई है. इससे पहले बीती रात अवैध तरीके से चल रहे 13 कोचिंग सेंटर के बेसमेंट एक्टिविटी को बंद करके उसे सील कर दिया गया है. दूसरी ओर इस हादसे को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर है. AAP हेडक्वॉर्टर के पास BJP कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं, AAP कार्यकर्ताओं ने भी दिल्ली कमिश्नर और BJP के खिलाफ प्रदर्शन किया है.
बेसमेंट हादसे को लेकर दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कार्रवाई करते हुए स्थानीय JE को टर्मिनेट कर दिया है. जबकि एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है. पुलिस ने सोमवार को 5 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक कुल 7 अरेस्टिंग हो चुकी है, इसमें जहां हादसा हुआ उस कोचिंग के मालिक और बिल्डिंग के मालिक भी शामिल हैं. इन दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
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पुलिस ने कहा कि आज गिरफ्तार हुए लोगों में वो शख्स भी शामिल है, जिसने कोचिंग के सामने से तेजी से कार चलाई थी. उसकी SUV कार भी जब्त कर ली गई है. पुलिस ने कहा- “ऐसा लगता है कि तेज कार चलाने के कारण पानी का प्रेशर बढ़ा और बेसमेंट का गेट टूट गया. इसी के बाद बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में पानी भरने लगा, जिससे छात्र डूब गए. हादसे के बाद कोचिंग सेंटरों के आसपास कुछ अवैध निर्माणों पर बुलडोजर की कार्रवाई हुई है.”
100 छात्रों की जगह पर बैठाए जाते हैं 200 लोग
ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर का इंटीरियर डिजाइन करने वाले शख्स ने बताया, “यहां कोचिंग खोलने वाले ज्यादातर लोगों की डिमांड क्वालिटी से ज्यादा क्वॉन्टिटी में रहती है. 100 छात्रों के बैठने की जगह होती है, लेकिन बेसमेंट को ऐसे डिजाइन किया जाता है, जिससे 150-200 लोग बैठ सके. यहां ऐसा ही सिस्टम चल रहा है. मुझसे जैसी डिमांड की जाती है. फर्नीचर का, इंटीरियर का और सीटिंग अरेंजमेंट का… मैं वैसा ही बनाकर दे देता हूं. ये मेरा काम है.”
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बुलडोजर की कार्रवाई महज दिखावा
साफ है कि यहां के कोचिंग सेंटरों में बेसमेंट अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. यहां MCD,पुलिस और अन्य विभागों में साठगांठ है. इसकी वजह से नियमों का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है. यहां IAS की कोचिंग कर रहे कुछ छात्रों से भी NDTV ने बात की. एक छात्र ने बताया, “ज्यादातर बेसमेंट में कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी है. इसका इस्तेमाल करने के लिए कोचिंग फीस के अलावा अलग से फीस वसूली जाती है. अभी जो कार्रवाई हो रही है. वो महज दिखावा है.” छात्रों ने अपने साथियों के लिए मुआवजे की मांग की है.
पहले कहां था एडमिनिस्ट्रेशन और सिस्टम?
यहां कोचिंग करने वाले एक और छात्र ने कहा, “ये बुलडोजर की कार्रवाई नहीं चाहिए. ये सब दिखावे की कार्रवाई है. पहले बुलडोजर से तोड़ेंगे बाद में साठगांठ से जोड़ेंगे. हमें हमारे साथियों के लिए न्याय चाहिए. उनके परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए.” दूसरे छात्र सवाल पूछते हैं, “बेसमेंट में जिनकी जान गई, जिनके घर उजड़े, उन्हें प्रशासन क्या दे रही है. अगर बिल्डिंग और बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी अवैध है, तो एडमिनिस्ट्रेशन पहले कहां थी? सिस्टम कहां था? इन्हें परमिशन देने वाले कहां थे? पुलिस ने एक्शन नहीं लिया. सब साठगांठ से चलता रहता है.”
PWD को शिकायत की थी, नहीं हुई कार्रवाई
बुराड़ी की रहने वाली तान्या ने 2- 3 हफ्ते पहले ही राव कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था. तान्या ने NDTV को बताया, “मुझे आते ही पता चला कि कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में पानी भरता है. हादसे के तीन दिन पहले इसकी शिकायत PWD से की. वहां से कई फोन आए. लिखित जवाब भी आया कि एक्शन लिया जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ.”
UPSC की तैयारी कर रहे छात्र ने CJI को लिखी चिट्ठी
बेसमेंट हादसे के बाद UPSC की तैयारी कर रहे छात्र ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिखी है. CJI को चिट्ठी लिखने वाले अविनाश दुबे से भी NDTV ने बात की. उन्होंने कहा, “छात्रों की सुरक्षा कोचिंग संस्थाओं की नैतिक जिम्मेदारी होती है. लेकिन किसी के साथ कुछ हो जाए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. एक कोचिंग संस्थान में आग लगने की घटना में भी कोई कदम नहीं उठाया गया.” अविनाश ने बताया, “यहां छोटे से कमरे का किराया भी 8 से 9 हजार रुपये तक होते हैं. करोलबाग में तो कुछ बच्चे बेसमेंट में भी रहते हैं. किराएदार से मकान मालिक तानाशाह की तरह बात करते हैं.”
छात्र ने चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को लिखा, “स्वस्थ जीवन जीते हुए पढ़ाई करना हमारा मौलिक अधिकार है. ये घटना हृदय विदारक और चिंताजनक है. जलभराव के कारण छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होता है. छात्रों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण की आवश्यकता है ताकि वे बिना किसी डर के पढ़ सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें.”
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