बीजेपी या AAP-कांग्रेस गठबंधन… 7 सीटों पर कौन मारेगा बाजी? आज तय करेंगे दिल्लीवाले
नई दिल्ली:
दिल्ली में आज लोकसभा चुनाव (Delhi LokSbha Elections 2024) के लिए वोटिंग हो रही है.1.5 करोड़ से ज्यादा मतदाता आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, वह 162 उम्मीदवारों में से 7 लोगों को चुनकर संसद भेजेंगे. दिल्ली में बीजेपी और AAP-कांग्रेस गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है. 10 साल से ज्यादा समय में यह पहली बार है जब दिल्ली (Delhi Voting) में बीजेपी और कांग्रेस-AAP गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है. जब कि बीजेपी पिछले दो लोकसभा चुनावों में सभी सातों सीटों पर अच्छे वोटों से जीत हासिल करती रही है.
दिल्ली में वोटिंग, बीजेपी, AAP-कांग्रेस की किस्मत दांव पर
साल 2009 में राजधानी में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला रहा था. लेकिन साल 2013 में आम आदमी पार्टी की राजनीति में एंट्री होने के बाद से यह लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है. इस चुनाव में बीजेपी और AAP-कांग्रेस गठबंधन की किस्मत दांव पर लगी है. एक तरफ बीजेपी पिछले दो लोकसभा चुनावों जैसा ही प्रदर्शन दिल्ली में दोहराकर अपनी राजनीतित धाक जमाए रखना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस, AAP की मदद से दिल्ली की राजनीति में फिर से अपने पैर जमाने की कोशिश में है.
आज दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद में आज मतदान
दिल्ली की 7 सीटों पर चुनाव
नई दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी की बांसुरी स्वराज और AAP के सोमनाथ भारती के बीच है. साल 2019 चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर मीनाक्षी लेखी ने 2.6 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
चांदनी चौक- यहां पर मुकाबला बीजेपी के प्रवीन खंडलवाल और कांग्रेस के जयप्रकाश अग्रवाल के बीच है. साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर डॉ. हर्षवर्धन ने 2.3 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
पूर्वी दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी के हर्षदीप मल्होत्रा और AAP के कुलदीप कुमार के बीच है. साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर गौतम गंभीर ने 3.9 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी के मनोज तिवारी और कांग्रेस के कन्हैया कुमार के बीच है. साल 2019 में यहां पर मनोज तिवारी ने बीजेपी के टिकट पर 3.6 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
उत्तर-पश्चिम दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी के योगेंद्र चंदोलिया और कांग्रेस के उदित राज के बीच है. साल 2019 में यहां पर बीजेपी के टिकट पर हंसराज हंस ने 5.5 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
पश्चिमी दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी के कमलजीत सहरावत और AAP के महाबल मिश्रा के बीच है. साल 2019 में यहां पर प्रवेश वर्मा ने बीजेपी के टिकट पर 5.8 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
दक्षिणी दिल्ली- यहां पर मुकाबला बीजेपी के रामबीर सिंह बिधूड़ी और AAP के सहीराम के बीच है. साल 2019 में यहां पर बीजेपी के टिकट पर रमेश बिधूड़ी ने 3.7 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
हरियाणा में कितनी सीटों पर चुनाव?
गुड़गांव- यहां पर मुकाबला बीजेपी के राव इंद्रजीत सिंह और कांग्रेस के राज बब्बर के बीच है. साल 2019 में यहां पर बीजेपी के टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने 3.9 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
फरीदाबाद- यहां पर मुकाबला बीजेपी के कृष्णपाल गुज्जर और कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह के बीच है. साल 2019 में यहां पर कृष्णपाल गुज्जर ने 6.4 लाख वोट पाकर जीत हासिल की थी.
2019 में किसको मिले कितने वोट?
आम आदमी पार्टी साल 2015 में 70 विधानसभा सीटों में से रिकॉर्ड 67 और 2020 में 62 सीटें जीतकर दिल्ली की राजनीति में अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रही, लेकिन अब तक, आम चुनावों में वैसा प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी है. इस चुनाव उसकी उम्मीदें काफी हाई हैं. बता दें कि साल 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने 56.7% वोट हासिल किए थे. जब कि AAP 18.2% कांग्रेस ने 22.6% वोट हासिल किए थे. आपको बताते हैं कि दिल्ली की सभी 7 सीटों पर यंग वोटर्स का आंकड़ा कितना है?
हालाकि कांग्रेस ने साल 2013 में अपने आठ विधायकों का बाहर से समर्थन देकर दिल्ली में अपनी सरकार बनाने के लिए AAP को समर्थन किया था. साल 2019 में गठबंधन की संभावना पर विस्तार से चर्चा भी हुई थी. पहली बार दोनों दल चुनाव से पहले गठबंधन करने में कामयाब रहे हैं. AAP दिल्ली में 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनावी मैदान में है. पॉलिटिकल ऑब्जर्वर रणजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस-AAP गठबंधन ने बीजेपी के लिए चुनौती जरूर पेश की है. अगर ये गठबंधन नहीं होता तो शायद बीजेपी पिछली बार से भी बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाती, लेकिन अब मुकाबला कड़ा हो गया है.
वोट डालने जाने से पहले यह जान लीजिए कि कौन-कौन सी ID दिखाकर आप मतदान कर सकते हैं. इसी हिसाब से आईडी लेकर अपने साथ पोलिंग बूथ जाएं.
दिल्ली में किन मुद्दों पर लड़ा जा रहा चुनाव?
AAP-कांग्रेस गठबंधन बीजेपी के 10 साल के शासन के दौरान देश में बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी को चुनावी मुद्दा बना रहा है. दोनों दल इसे “संविधान और लोकतंत्र को बचाने” की लड़ाई बता रहे हैं. AAP-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं ने अपनी हर रैली और बैठक में यह आरोप लगाया है कि अगर बीजेपी दोबारा सत्ता में आई तो वह संविधान में संशोधन कर नागरिकों से मतदान का अधिकार छीन लेगी. वहीं बीजेपी ने अपने चुनावी अभियान को मोदी सरकार के कामकाज पर केंद्रित रखा साथ ही वह AAP नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. बीजेपी यह नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में लाने के नाम पर वोट मांग रही है. बता दें कि आज होने वाले मतदान के नतीजे 4 जून को आएंगे.
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