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बांग्लादेश में राजनीतिक अनिश्चितता का असर प्याज के निर्यात पर, बॉर्डर पर फंसे हैं कई ट्रक




नई दिल्ली:

पिछले कई दिनों तक भारत और बांग्लादेश सीमा (Bangladesh border)  पर तनाव की वजह से द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह से ठप्प हो गया था. लेकिन गुरुवार को पहली बार भारत बांग्लादेश सीमा पर कुछ बॉर्डर पोस्ट पर गुड्स ट्रकों की आवाजाही आंशिक रूप से शुरू हुई. पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की वजह से सैकड़ों गुड्स ट्रक सीमा पर फंसे हुए थे. पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का सबसे ज्यादा असर भारत के प्याज निर्यातकों पर पड़ा है जो सबसे ज्यादा प्याज बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करते हैं.

इंडियन चैंबर ऑफ़ फ़ूड एंड एग्रीकल्चर के सीईओ अश्विनी बक्शी ने एनडीटीवी से कहा, “आज से कई जगहों पर भारत बांग्लादेश सीमा पर ट्रैकों की आवाजाही धीरे-धीरे शुरू हो गई है. सीमा पर जो ट्रक पिछले कुछ दिनों से फंसे थे वह धीरे-धीरे बांग्लादेश सीमा के अंदर जाने शुरू हो गए हैं”

भारत में प्याज के निर्यातक तनाव में हैं
भारत के प्याज निर्यातक तनाव में है. पिछले कई दिनों से प्याज का निर्यात रुका हुआ था और बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को लेकर सवाल अभी बने हुए हैं. अश्विनी बक्शी कहते हैं, “प्याज के एक्सपोर्टर तनाव है की एक्सपोर्ट कब तक सामान्य तौर पर जारी रह पाएगा. एक्सपोर्टर के मन में यह डाउट आ गया है की क्या प्याज का व्यापार आगे सामान्य तौर पर चल पाएगा?”

भारत से बड़े पैमाने पर प्याज का होता है निर्यात
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत से एक्सपोर्ट होने वाले प्याज का 14% से 15  फ़ीसदी तक बांग्लादेश के बाजारों तक पहुंचता है. भारत सरकार मैं हॉर्टिकल्चर कमिश्नर रहे एचपी सिंह कहते हैं. बांग्लादेश में राजनीतिक हालात बदले हैं और इसका असर विपक्षीय व्यापार पर भी पड़ सकता है. एचपी सिंह ने एनडीटीवी से कहा, “बांग्लादेश में राजनीतिक अनिश्चितता की वजह से प्याज का व्यापार रुक गया है और प्याज के निर्यात को नुकसान हो रहा है. प्याज एक पेरिशेबल आइटम है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के साथ भारत के अच्छे संबंध थे इस वजह से प्याज और दूसरी सब्जियों के एक्सपोर्ट के लिए बेहतर माहौल था”.

अब सबको इंतज़ार बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की आर्थिक रणनीति पर है. देखना महत्वपूर्ण होगा की वहां अंतरिम सरकार आने वाले दिनों में क्या नयी आर्थिक रणनीति अख्तियार करती है.

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