फर्जी कंपनी बनाई और… ‘पप्पू’ पेजर को बम बनाने लिए इजरायल ने लगाया क्या दिमाग, हिल जाएंगे आप
नई दिल्ली:
एक पुरानी कहावत है न कि जंग सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि दिमाग से भी लड़ी जाती है.बीते कुछ दिनों में इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ जो कुछ किया है वो इसी का एक उदाहरण है.आपको बता दें कि कुछ दिन पहले लेबनान में लागातर सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इन हमलों में हिजबुल्लाह के कई आतंकियों के मारे जाने की भी खबर है. इन हमलों के पहले दिन पेजर में धमाका होने से हिजबुल्लाह के 12 आतंकी मारे गए थए और 4000 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है. जबकि दूसरे दिन वॉकी-टॉकी और सोलर पैनल में धमाके से 25 आतंकी और मारे गए. इस धमाके में भी सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हिजबुल्लाह इन धमाकों के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बता रहा है जबकि इजरायल ने ऐसे किसी धमाके को लेकर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है.
लेबनान में हुए इन धमाकों को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने अब एक बड़ा खुलासा किया है. इस अखबार के मुताबिक हिजबुल्लाह मोसाद के साइबर ऑपरेशन का शिकार हो गया है. हिजबुल्लाह ने जो पेजर खरीदे वो ताइवान की अपोलो गोल्ड कंपनी के नहीं थे. उन्हें मोसाद के अफसरों ने हंगरी की उस कंपनी में बनाया था, जिसे हिजबुल्लाह ताइवानी कंपनी समझ रहा था. असल में वो मोसाद के अफसरों की ओर से हिजबुल्लाह को गुमराह करने के लिए बनाई गई एक फ्रंट कंपनी थी. इस कंपनी को खड़ी करने के लिए मोसाद ने कई साल पहले ही प्लानिंग की गई थी.
हिजबुल्लाह 2022 से ही इस कंपनी से खरीद रहा था पेजर
इजरायल पेजर और वॉकी-टॉकी धमाके से हिजबुल्लाह को दहलाने की तैयारी बीते कई सालों से कर रहा था. और इसकी भनक हिजबुल्लाह को कभी नहीं लगी.हिजबुल्लाह इजरायल की बनाई गई इस कंपनी से 2022 से पेजर खरीद रहा था.हिजबुल्लाह को जैसे ही इजरायल की बनाई गई इस कंपनी पर भरोसा होने लगा तो वैसे ही मोसाद की रणनीति काम आने लगी, जिसके तहत वह हिजबुल्लाह को उसके घर में ही घुसकर मारने की योजना बना रहा था. बताया जाता है कि एक बार जब लेबनान में बैठे हिजबुल्लाह के आतंकी इस कंपनी के पेजर और अन्य उपकरणों की मांग लगातार करने लगे तो मोसाद ने पेजर में पीईटीएन विस्फोटक डाल दिए.
इजरायल ने हिजबुल्लाह को चौकाने के लिए बनाई थी शेल कंपनी
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक हिजबुल्लाह ने जिस कंपनी से पेजर और अन्य उपकरणों खरीदे थे वो इजरायल की ही शेल कंपनी थी. इस कंपनी को मोसाद के ही अधिकारियों ने कुछ साल पहले बनाया था. और इस कंपनी का मकसद था हिजबुल्लाह को उसके घर के अंदर घुसकर ही मारना. और मौसाद के अधिकारियों ने इस कंपनी के बनने के कुछ साल बाद ही सही लेकिन ये करके भी दिखाया है. बताया जाता है हिजबुल्लाह को किसी तरह का शक ना हो इसके लिए इजरायल ने दो और शेल कंपनी भी बनाई थी.
जेम्स बॉन्ड स्टाइल में हिजबुल्लाह पर हुआ हमला
इजरायल ने जिस तरह से हिजबुल्लाह के आतंकियों को लेबनान में ढेर किया वो किसी फिल्म के सीन की तरह है.इस हमले के बारे में सुनकर भी ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई जेम्स बॉन्ड की फिल्म का सीन हो. इस हमले में हिजबुल्लाह के कई आतंकी मारे गए हैं.
जानकारों के अनुसार, पेजर बम विस्फोटों को देखकर इतना तो साफ हो जाता है कि इस योजना के पीछे कई साल की मेहनत है. जानकारों का मानना है कि सप्लाई चेन में घुसपैठ की गई थी और लेबनान में आयात किए जाने से पहले सैकड़ों पेजरों में विस्फोटक भर दिए गए थे. हालांकि, इसे लेकर अभी तक बहुत कम सबूत सामने आए हैं.
हिजबुल्लाह पेजर का ही क्यों करता है इस्तेमाल
हिजबुल्लाह ने अपने आतंकियों से कुछ महीने पहले भी कहा था कि वह कोई भी मोबाइल फोन इस्तेमाल ना लें. मोबाइल फोन की जगह पेजर के इस्तेमाल पर जोर दिया गया था. इसके पीछे का तर्क ये दिया जाता है कि हिजबुल्लाह को अच्छे से पता है कि इजरायल की मोसाद जैसी एजेंसी मोबाइल फोन को ट्रैक कर सकती है लेकिन पेजर को ट्रैक करना उतना आसान नहीं है. पेजर को तैयार करने में जिस तकनीक का इस्तेमाल होता है वो बहुत पुराना है ऐसे में वो कहां पर इस्तेमाल हो रहा है उसका पता लगा पाना जरा मुश्किल है.