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‘पेजर ब्लास्ट’ से कई की आंखें गईं, हिजबुल्ला बोला- इजरायल से लेंगे इंतकाम



दिल्ली:

लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट (Labanon Pagers Blast) से हड़कंप मचा हुआ है. कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सैकड़ों पेजरों में मंगलवार को अचानक विस्फोट हो गया. इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें करीब 400 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. कहा जा रहा है कि इन धमाकों में कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. खबर ये भी है कि लेबनान में ईरानी राजदूत ने अपनी आंख की रोशन खो दी है. न्यू यॉर्क टाइम्स की एक पत्रकार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि लेबनान में ईरान के राजदूत की एक आंख पेजर ब्लास्ट में चली गई है और दूसरी आंख भी गंभीर रूप से घायल है, ये जानकारी उनको IRGC के दो सूत्रों के हवाले से मिली है. 

 दो साल पहले खामेनेई ने ईरानी स्वतंत्रता सेनानियों को जानबूझकर गोली मारने और उन्हें अंधा करने के लिए हिजबुल्लाह के लड़ाकों को लगाया था. उस दौरान न जाने कितने निर्दोषों की आंखों की रोशनी चली गई थी. अब वैसा ही हाल कुछ हिजबुल्लाह का है. पेजर बम धमाकों में कथित तौर पर 500 से ज्यादा हिजबुल्लाह सदस्यों की आंखें चली गई है.

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सैकड़ों पेजरों में कैसे हुए धमाके?

इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि पेजरों में आखिर विस्फोट हुआ कैसे. क्या इनको हैक किया गया था. इस सवाल का जवाब तो फिलहाल नहीं मिल सका है, लेकिन धमाकों का पूरा शक इजरायल पर जा रहा है. कहा जा रहा है कि पेजरों को हैक कर उनमें विस्फोट किया गया है. इस घटना से हिजबुल्लाह काफी बौखलाया हुआ है. उसका कहना है कि वह इस घटना के लिए इजरायल से इंतकाम लेगा. उसने इजरायल को उचित सजा देने की कसम खाई है.  

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ईरानी राजदूत की आंख की रोशनी गई

रिपोर्ट के मुताबिक, पेजर्स के ब्लास्ट में इजरायल का हाथ होने का दावा किया जा रहा है. कई रिपोर्टों में ये दावा किया गया है कि पेजर्स को हैक करके इनमें धमाका किया गया है. इसका आरोप इजरायल पर लग रहा है, हालांकि अब तक इन आरोपों पर इजरायल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.मिडिल ईस्ट देश हिजबुल्लाह में जैसे ही पेजर्स में धमाके हुए, वहां हड़कंप मच गया. इन धमाकों में सिर्फ आम लोग ही नहीं ईरान के राजदूत मोजीतबा अमानी भी घायल हुए हैं. उनकी आंख की रोशनी चली गई है. वहीं इस घटना में हिजबुल्लाह के सांसद के बेटे की भी मौत हो गई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने हिजबुल्लाह के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि पेजर ब्लास्ट में दो सीनियर अधिकारियों के बेटे भी घायल हो गए हैं. 

पेजर्स हैं तो फेंक दो…हिजबुल्लाह की चेतावनी

लेबनान में पेजर धमाकों के बाद हड़कंप मचा हआ है. वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नागरिकों को हिदायत दी है कि जिनके पास भी पेजर्स हैं, उनको तुरंत फेंक दिया जाए. उनका कहना है कि यह साजिश इजरायल ने रची है. हालांकि इजरायली सेना की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. लेबनान के स्थानीय समय के मुताबिक, दोपहर को 3 बजकर 45 मिनट के आसपास ये धमाके हुए, जिससे पूरा लेबनान दहल गया. ये धमाके हुए कैसे, इसकी जांच की जा रही है. 

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कम्युनिकेशन के लिए हो रहा पेजर्स का इस्तेमाल

रॉयटर्स के मुताबिक, ब्लास्ट हिजबुल्लाह के लड़ाकों के पेजर्स में हुआ है, ये लड़ाके पेजर्स का इस्तेमाल आपस में कम्युनिकेशन के लिए करते थे. सवाल ये भी है कि क्या पेजर्स को हैक करना इतना आसान है. दूसरा सवाल ये भी है कि मोबाइल के इस युग में हिजबुल्लाह के लड़ाके पेजर्स का इस्तेमाल क्यों करते थे.

पेजर्स को हैक करना कितना आसान?

पेजर का सिक्योरिटी सिस्टम काफी कमजोर होता है. इन्क्रिशन नहीं हने की वजह से इसे हैक करना बहुत ही आसान है. हेल्थकेयर सेक्टर में आज भी पेजर का इस्तेमाल किया जाता है. कई रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है कि पेजर में मरीजों की कई जानकारियां लीक हो चुकी हैं. यहां तक कि इमरजेंसी सर्विसेस के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पेजर के मैसेज भी लीक हुए हैं.  

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पेजर्स में ब्लास्ट कैसे हुए, हो रही जांच

लेबनान के अल-जदीद टीवी चैनल ने इजरायली सेना पर इन पेजर की बैटरियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया,जिसकी वजह से धमाके हुए. घायलों को लेबनान की राजधानी बेरूत और उसके दक्षिणी उपनगरों में स्थित दहिह के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है. स्थानीय मीडिया के अनुसार, हिजबुल्लाह की सक्षम एजेंसियां ​​वर्तमान में एक साथ हुए इन विस्फोटों की वजह का पता लगाने के लिए “व्यापक सुरक्षा और वैज्ञानिक जांच” कर रही हैं.

पेजर होता क्या है?

पेजर एक वायरलेस डिवाइस है, जो रेडियो सिग्नल के ज़रिए मैसेज भेजता और रिसीव करता है. इसे बीपर या ब्लीपर भी कहा जाता है. इसमें आमतौर पर छोटे स्क्रीन और लिमिटेड कीपैड होते हैं. इसका सिक्योरिटी सिस्टम वीक होता है. इसीलिए इसको हैक करना आसान है. इसी खामी की वजह से मोटोरोला ने साल 2001 में पेजर का प्रोडक्शन ही बंद कर दिया था. हालांकि कुछ कंपनियां अब भी पेजर बना रही हैं.वैसे तो मोबाइल के जमाने में पेजर का इस्तेमाल कौन ही करता है. लेकिन हेल्थकेयर और इमरजेंसी सर्विसेज कम्युनिकेशन जैसी कुछ खास इंडस्ट्रीज में आज भी पेजर का इस्तेमाल किया जाता है. 


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