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पुलवामा शहीद की बेटी-बेटे ने पिता का सपना किया पूरा, अब आसमान में भरेंगे उड़ान



<p style="text-align: justify;"><strong>Agra News Today:</strong> देश के लिए 14 फरवरी 2019 वो काला दिन है, जब 44 जांबाज जवान एक हमले में शहीद हो गए थे. आतंकवादियों ने कायरतापूर्ण तरीके से पुलवामा में सआरपीएफ के काफिले पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद पूरे देश में मातम की लहर दौड़ गई.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">पुलवामा में आतंकवादियों के इस कायरतापूर्ण हमले के बाद देशवासियों आक्रोश दिखाई पड़ा. यह भारतीय सैन्य इतिहास के काले दिनों में से एक है. इस हमले में आगरा के लाल कौशल कुमार रावत भी शहीद हुए थे और उनकी शहादत पर परिवार सहित पूरे देश को गर्व है. पुलवामा की घटना में शहीद जवानों को पूरे देश ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी थी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इन जवानों की शहादत देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. आगरा के वीर सपूत कौशल कुमार रावत भी इस हमले शहीद हुए थे. घटना की 6वीं बरसी से पहले कौशल कुमार रावत के परिवार आंखे उनकों याद कर नम हो गईं. शहीद कौशल कुमार रावत ने जिन बच्चों के लिए सपने देखे थे, उन सपनों को बच्चे अपनी कड़ी मेहनत और लगन से पूरी कर रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बच्चों ने किया सपना साकार</strong><br />शहीद कौशल कुमार रावत की एक बेटी और दो बेटे हैं. शहीद की बेटी अपूर्वा रावत आज पायलट बन चुकी हैं, जो उनके पिता ने सपना देखा था. बेटी ने अपनी मेहनत और लगन से सपने को पूरा किया, साथ ही छोटा बेटा विकास भी पायलट है. बड़ा बेटा अभिषेक रावत एमबीबीएस डॉक्टर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">शहीद की बेटी अपूर्वा इंडिगो एयरलाइंस में पायलट है. कभी पिता ने सपना देखा था कि मेरी बेटी पायलट बने और जब वह हवाई जहाज को उड़ाए तो उसमें सफर करूं. हालांकि बेटी के पायलट बनने पर वह साथ भले न हों पर बेटी ने पायलट बनने का सपना पूरा किया. आज बेटी और छोटा बेटा शहीद पिता की फोटो साथ में लेकर हवाई जहाज उड़ाते हैं और कहते हैं कि पिता हमारे साथ हैं और उनका आशीर्वाद साथ रहता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’मुझे मेरे पति पर है गर्व'</strong><br />शहीद की पत्नी ममता रावत ने बताया कि उनको गए हुए वर्षों हो गए. बहुत मुश्किल था उनके बिना बच्चों को पढ़ाना और समाज में एक बेहतर इंसान बनाना. वह अब हमारे साथ नहीं हैं पर हमें और बच्चों को उन पर बहुत गर्व है. उन्होंने बताया कि पति की मौत के बाद सरकार ने हमारी मदद की और जरुरत पड़ने पर हर संभव मदद का आश्वासन भी मिला. अब बच्चे बड़े हो गए हैं और अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">बेटी अपूर्वा का कहना है कि पिता का सपना था कि मैं पायलट बनूं और वह मेरी फ्लाइट में बैठे हैं, आज पायलट बन गई हूं और पिता का फोटो हमेशा अपने साथ रखती हूं. उन्होंने कहा कि जब भी हवाई जहाज उड़ाती हूं तो लगता है कि वह मेरे साथ हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पिता के नक्शे कदम पर चलना चाहता है बेटा</strong><br />बड़ा बेटा अभिषेक कुमार रावत ने भी पिता के डॉक्टर बनाने के सपने को पूरा किया. अब वह अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए सीआरपीएफ ज्वाइन करता चाहते हैं. अभिषेक रावत का कहना है कि पापा का सपना था कि मैं डॉक्टर बनूं. मैं ने एमबीबीएस कर लिया है अब मैं सीआरपीएफ ज्वाइन करना चाहता हूं और अपनी डॉक्टरी सेवा सीआरपीएफ में देना चाहता हूं. मैं सीआरपीएफ में डॉक्टर के पद के लिए भर्ती होना चाहता हूं.&nbsp;</p>
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