Sports

पुतिन ने शीत युद्ध के दौर की तरह मिसाइल संकट के हालात बनने की चेतावनी दी




मॉस्को (रूस):

रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रविवार को धमकी दी कि यदि अमेरिका (US) जर्मनी या यूरोप में कहीं और मिसाइल तैनात करने के अपने इरादे की पुष्टि करता है तो वे मध्यम दूरी के परमाणु हथियारों का उत्पादन फिर से शुरू कर देंगे. सेंट पीटर्सबर्ग में नौसेना परेड के दौरान पुतिन ने कहा, “अगर अमेरिका ऐसी योजनाओं को अंजाम देता है तो हम मध्यम और छोटी दूरी की मारक क्षमताओं की तैनाती पर पहले अपनाए गए एकतरफा प्रतिबंध से खुद को मुक्त मानेंगे.” पुतिन ने कहा कि अब रूस में “ऐसी कई प्रणालियों का विकास अंतिम चरण में है.”

रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि, “हम अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में उसके उपग्रहों की कार्रवाइयों को ध्यान में रखते हुए जवाबी तैनाती करने के लिए समान उपाय करेंगे.” 

अमेरिका और सोवियत संघ ने 1987 में एक हथियार नियंत्रण संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इसमें ऐसी मिसाइलों के उत्पादन पर नियंत्रण शामिल था जो कि 500 से 5500 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती हैं. हालांकि वाशिंगटन और मॉस्को दोनों ने ही सन 2019 में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी से खुद को अलग कर लिया. दोनों ने एक-दूसरे पर संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. 

…तो 10 मिनिट में हमले की समय सीमा में आ जाएगा रूस

रूस ने बाद में कहा कि जब तक अमेरिका विदेशों में मिसाइलों को तैनात नहीं करता, तब तक वह ऐसी मिसाइलों का उत्पादन फिर से शुरू नहीं करेगा.

जुलाई की शुरुआत में वाशिंगटन और बर्लिन ने घोषणा की कि जर्मनी में टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों सहित लंबी दूरी की अमेरिकी मिसाइलों का “एपिसोडिक डिप्लॉयमेंट” 2026 में शुरू होगा.

पुतिन ने कहा कि, महत्वपूर्ण रूसी प्रशासनिक और सैन्य स्थल ऐसी मिसाइलों की सीमा में आएंगे जो भविष्य में परमाणु हथियारों से लैस हो सकती हैं. इससे हमारे क्षेत्र हमले में करीब 10 मिनट की समय सीमा के भीतर पहुंच जाएंगे. रूसी राष्ट्रपति ने यह भी जिक्र किया कि अमेरिका ने हाल के अभ्यासों में डेनमार्क और फिलीपींस में टाइफॉन मिड-रेंज मिसाइल सिस्टम तैनात किए हैं.

‘शीत युद्ध’ का दौर याद दिलाया

पुतिन ने कहा, “यह स्थिति हमें शीत युद्ध की घटनाओं की याद दिलाती है, जो यूरोप में अमेरिकी मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती से जुड़ी हैं.” अमेरिका ने शीत युद्ध के चरम पर 1980 के दशक में पश्चिमी जर्मनी में अमेरिकी पर्शिंग बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती की थी.

जर्मनी के एकीकरण से लेकर 1990 के दशक तक अमेरिकी मिसाइलों की तैनाती बनी रही. लेकिन शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, मॉस्को से खतरा कम होने के कारण अमेरिका ने यूरोप में तैनात मिसाइलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी कर दी.

क्रेमलिन ने जुलाई के मध्य में ही चेतावनी दे दी थी कि प्रस्तावित अमेरिकी तैनाती का मतलब होगा कि यूरोपीय राजधानियां रूसी मिसाइलों का लक्ष्य बन जाएंगी. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने एक सरकारी टीवी संवाददाता से कहा, “हम शीत युद्ध की ओर लगातार कदम बढ़ा रहे हैं. प्रत्यक्ष टकराव वाले शीत युद्ध के सभी लक्षण वापस आ रहे हैं.”

यह भी पढ़ें –

रूस में पुतिन-पीएम मोदी मुलाकात से हरियाणा के मटौर गांव के लोगों में क्यों जगी उम्मीद? यह है कारण




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *