पहलगाम हमले पर गुलाम नबी आजाद का बड़ा बयान, 'मैं पहली बार देख रहा हूं कि मस्जिदों से…'
<p style="text-align: justify;">पहलगाम आतंकी हमले पर पूर्व सीएम और DPAP के चीफ गुलाम नबी आजाद की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि पहले लोग आतंकियों से डरते थे इसलिए उनका विरोध नहीं करते थे. लेकिन आज जम्मू-कश्मीर में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां पर दहशतगर्दों का विरोध न हो रहा हो. उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है कि मस्जिदों से इमामों ने आतंकियों को निंदा की है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस घटना की जितनी निंदा की जाय कम है- गुलाम नबी आजाद</strong></p>
<p style="text-align: justify;">गुलाम नबी आजाद ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "सबसे पहले, जो वाकया पहलगाम में हुआ है, उसकी जितनी निंदा की जाए, जितना विरोध किया जाए, जितनी मुखालफत की जाए, वह सब कम है. 1989 से लेकर अब तक, पिछले 35 वर्षों में ऐसे कई घटनाक्रम हुए हैं. जब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र से सांसद और केंद्रीय मंत्री था, तब भी मैं हर उस जगह पहुंचता था जहां 20-25 लोगों की जान चली जाती थी."</p>
<blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560">
<p dir="ltr" lang="hi"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर | डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, " इस घटना की जितनी निंदा, विरोध की जाए वो कम है…पहले लोग ऐसी घटनाओं की निंदा कम ही करते थे। शायद इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे आतंकवादियों के खिलाफ बोलेंगे तो उनकी जान… <a href="https://t.co/gnTIYX2PZr">pic.twitter.com/gnTIYX2PZr</a></p>
— ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href="https://twitter.com/AHindinews/status/1914971199257416124?ref_src=twsrc%5Etfw">April 23, 2025</a></blockquote>
<p>
<script src="https://platform.twitter.com/widgets.js" async="" charset="utf-8"></script>
</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’लोग डरते थे कि कहीं आतंकी उन्हें मार न दें'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसके आगे उन्होंने कहा, "लेकिन उस समय जनता की ओर से इन घटनाओं की बहुत कम निंदा की जाती थी. इसके कई कारण थे. एक बड़ा कारण यह था कि लोग आतंकवादियों से डरते थे कि यदि हमने उनका विरोध किया, तो कहीं वे हमें मार न दें. कई लोगों में हिम्मत नहीं थी चाहे वे खुश हों या नाखुश लेकिन विभिन्न कारणों से कोई भी सार्वजनिक रूप से आतंकियों की आलोचना नहीं करता था. लेकिन आज के इस हादसे पर पूरा हिंदुस्तान निंदा कर रहा है, पूरा जम्मू-कश्मीर शोक मना रहा है. मैं पहली बार देख रहा हूँ कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ हर गांव, हर शहर, हर कस्बे में आवाज उठ रही है."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’इमामों ने आतंकियों का साथ न देने की अपील की'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">पूर्व सीएम ने ये भी कहा, "पहले कुछ मस्जिदों में आतंकियों के समर्थन की बातें होती थीं, लेकिन आज मेरा दिल बाग-बाग होता है यह देखकर कि कई मस्जिदों के इमाम खुद इस जघन्य कृत्य की निंदा कर रहे हैं और आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि आतंकियों का साथ न दें."</p>
Source link