Sports

पश्चिम बंगाल मॉडल कोई राज्य नहीं अपनाएगा… ऐसा क्यों बोले अमित शाह?




दिल्ली:

लोकसभा में दमदम से टीएमसी सासंद सौगत रॉय ने सुरक्षा बलों संग माओवादियों के एनकाउंटर (Saugata Roy Amit Shah) का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि हर हफ्ते ये खबरें सामने आती हैं कि एनकाउंटर हुआ. पश्चिम बंगाल में भी पहले इस तरह की घटनाएं खूब होती थीं. लेकिन ममता बनर्जी सरकार की कोशिशों से अब बंगाल ने इस पर लगाम कस ली है. इसके लिए उन्होंने ममता सरकार के पश्चिम बंगाल मॉडल की तारीफ की.

सौगत रॉय ने  ममता के पश्चिम बंगाल मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि पहले बंगाल में भी वामपंथी और उग्रवाद होता था. लेकिन ममता सरकार ने जो भी विकास कार्य किए और ट्राइबल युवाओं को नौकरी दी. अब बंगाल से वामपंथी उग्रवाद खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार उग्रवाद पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है. टीएमसी नेता ने गृह मंत्री से सवाल पूछा कि क्या वह पश्चिम बंगाल के एग्जांपल को स्टडी करेंगे और इसी मॉडल को छत्तीसगढ़ समेत दूसरी जगहों पर लागू करेंगे. 

सौगत रॉय को अमित शाह की दो टूक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय के प्रश्न के उत्तर में कटाक्ष करते हुए कहा कि देश का कोई भी राज्य अपने यहां पश्चिम बंगाल का मॉडल नहीं अपनाना चाहेगा. अमित शाह ने कहा कि अगर कोई भी राज्य की सरकार कुछ अच्छा करती है तो उसे लागू करने में नरेंद्र मोदी सरकार को कोई तकलीफ नहीं है. उन्होंने हंसते हुए कहा कि लेकिन उनको ऐसा लगता है कि कोई भी राज्य ये नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल उनके राज्य में लागू हो. गृह मंत्री इस इस बात को सुनते ही सदन भी ठहाकों से गूंजने लगा.

पश्चिम बंगाल मॉडल पर क्या बोले सौगत रॉय?

दरअसल सौगत रॉय ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद से जुड़ा पूरक प्रश्न पूछा था. उन्होंने पश्चिम बंगाल में वामपंथी उग्रवाद के खात्मे का हवाला देते हुए सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार इस मॉडल को दूसरे राज्यों में लागू करेगी? इस पर शाह ने कहा, “कोई भी राज्य अच्छा करे तो उसके उदाहरण को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कोई राज्य नहीं चाहेगा कि पश्चिम बंगाल का मॉडल उसके यहां अपनाया जाए.”

10 सालों में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है. इन घटनाओं में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में भी 72 प्रतिशत की कमी हुई है. उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की गतिविधियों में लिप्त लोग इस देश के संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं. वह हथियार के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं.

96 से 42 जिलों तक सिमटा वामपंथी उग्रवाद

नित्यानंद रॉय ने कहा कि साल 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों के कारण 2023 में वामपंथी उग्रवाद 42 जिलों तक सिमटकर रह गया. उन्होंने कहा कि “10 वर्षों में जो प्रयास किए गए हैं, उसका प्रभाव स्पष्ट दिखता है. आने वाले दिनों में वामपंथी उग्रवादियों को समाप्त कर दिया जाएगा.”





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *