नेशनल अवॉर्ड जीतने में कई हीरोइनों को मात दे चुकी है ये एक्ट्रेस, कभी छोड़ना चाहती थी हमेशा के लिए एक्टिंग

नई दिल्ली:
शबाना आजमी एक ऐसी अदाकारा हैं जिन्होंने आर्ट फिल्मों और कमर्शियल सिनेमा के बीच की दूरी को बहुत खूबसूरती से मिटाया है. अपनी पहली ही फिल्म अंकुर के लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीता. वो आर्ट फिल्मों में जितने कमाल का अभिनय करती थीं. कमर्शियल सिनेमा में भी हमेशा उतनी ही लाजवाब लगती रहीं. शबाना आजमी ने अब तक कुल 5 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. शबाना आजमी मशहूर शख्सियत कैफी आजमी और शौकत आजमी की बेटी हैं. जिनके साए में शबाना आजमी ने एक्टिंग की दुनिया को बहुत कम उम्र से ही बेहद करीब से देखा. अपने फिल्मी सफर से लेकर अपनी पर्सनल लाइफ पर उन्होंने फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में खुलकर बात की.
जब शबाना आजमी से पूछा गया कि वो अपने बीते दिनों को देखते हुए खुद को क्या सलाह देना चाहेंगी या उन्हें किसी बात का पछतावा होता है. तो उन्होंने कहा वो सब कुछ वैसे ही दोहराना चाहेंगी जैसे उन्होंने किया था. उनके अनुसार, हर फैसला और हर गलती उनके सफर का हिस्सा रही है. और, वो किसी भी परिस्थिति को बदलना नहीं चाहतीं.
दिलीप कुमार की करिश्माई शख्सियत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वो हमेशा उनकी प्रशंसक रही हैं. वो दिलीप कुमार के ग्रेस और डिग्निटी की भी हमेशा कायल रहीं. शबाना आजमी के नजरिए से दिलीप कुमार की तरह ऑन स्क्रीन रोमांस कोई नहीं कर सकता. उन्होंने ये भी कहा कि वो बेहद चटोरे थे यानी कि खाने के खूब शौकीन शख्स थे.
अपने दौर की दूसरी एक्ट्रेसेस के साथ कॉम्पिटिशन पर सफाई देते हुए शबाना ने कहा कि वो सभी के साथ दोस्ताना बॉन्ड ही रखती थीं. उन्होंने बताया कि रेखा और नीतू सिंह के साथ उन्होंने काफी समय बिताया. उनके बारे में ये धारणा पूरी तरह गलत है कि वो सब को कॉम्पिटीटर के नजरिए से ही देखती थीं, पूरी तरह गलत है.
स्मिता पाटिल के साथ अपने संबंधों पर भी उन्होंने खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि मीडिया ने उन दोनों के बारे में कई बातें फैलाई. जिसकी वजह से उन दोनों का रिश्ता कॉम्प्लेक्स हो गया था. स्मिता को कई बार ऐसा लगता था कि शबाना ने उनकी भूमिकाएं छीन ली हैं. लेकिन शबाना ने स्पष्ट किया कि निर्देशक श्याम बेनेगल को हमेशा पता होता था कि किस रोल के लिए किसे लेना है. उन्होंने खुलासा किया कि मंथन की पेशकश पहले उन्हें हुई थी. लेकिन वो 32 दिनों की शूटिंग के लिए उपलब्ध नहीं थीं. इसलिए श्याम बेनेगल ने उन की जगह स्मिता पाटिल को लिया. इस बात के लिए वो उनसे नाराज भी रहे.
शबाना ने यह भी स्वीकार किया कि स्मिता के अचानक निधन के बाद उन्हें गहरा पछतावा हुआ कि कभी उन्होंने उनके बारे में नाराजगी जताते हुए कुछ गलत कहा था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि स्मिता के माता-पिता हमेशा उन्हें बहुत प्यार देते रहे. परवीन बॉबी की मेंटल हेल्थ को लेकर भी उन्होंने एक घटना साझा की. उन्होंने बताया कि ज्वालामुखी की शूटिंग के दौरान परवीन अचानक झूमर की ओर देखकर चिल्लाने लगीं कि वो उन पर गिरने वाला है. अशांति फिल्म की शूटिंग के समय भी उन्हें कुछ अजीब बातें महसूस हुई थीं, जैसे परवीन केवल दो अंगूर खाकर कहती थीं कि वो बहुत ज्यादा खा चुकी हैं.
एक समय ऐसा भी आया जब शबाना ने फिल्मों को अलविदा कहने का मन बना लिया था. उन्होंने बताया कि वो रोते हुए कहने लगीं कि अब और फिल्में नहीं करेंगी. लेकिन सुलक्षणा पंडित ने उन्हें समझाया कि वो एक्ट्रेस हैं और फिल्म में उनके जैसे उम्दा कलाकार कम ही मिलते हैं. जिन्हें खोया नहीं जा सकता. ये बात शबाना की जिंदगी में हमेशा बहुत अहम साबित हुई.
अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने पिता से कहा कि वो एक्टिंग करना चाहती हैं. तब उन्होंने कहा था कि चाहे तुम मोची बनो, लेकिन सबसे बेहतरीन बनो. वहीं उनकी मां ने कभी भाषण नहीं दिए. लेकिन शबाना उन्हें अपने हर किरदार की बारीकी से तैयारी करते हुए देखती थीं. जिससे उन्हें काफी कुछ सीख भी मिली.
अपने पति जावेद अख्तर के साथ रिश्ते पर बात करते हुए शबाना आजमी ने बताया कि उनके बीच एक दूसरे को रिस्पेक्ट करने और दोस्ती है. जावेद कहते हैं कि शबाना इतनी अच्छी दोस्त हैं कि वो पत्नी से पहले उन्हें दोस्त की नजर से रिस्पेक्ट देते हैं.