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निवेशकों से धोखाधड़ी मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, 4.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच



<p style="text-align: justify;">प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Loni Urban Multi-State Credit and Thrift Co-operative Society घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए M/s Bhaskar Infracon LLP और M/s Castle Height की 4.80 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली है. ये संपत्तियां झांसी (उत्तर प्रदेश) और भोपाल (मध्य प्रदेश) में स्थित हैं इनमें भूमि और इमारतें शामिल हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">ED की जांच में सामने आया कि Loni Urban Multi-State Credit &amp; Thrift Co-operative Society, Lustiness Janhit Credit Co-Operative Society Limited (LJCC) और Optionone Industries Ltd जैसी कंपनियों ने लोगों को निवेश पर ज्यादा रिटर्न देने का लालच दिया. उन्होंने Recurring Deposit (RD) Fixed Deposit (FD) और Monthly Income Plan जैसी योजनाओं के तहत निवेश कराया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एजेंटों को बड़ा लालच दिया</strong><br />इन कंपनियों ने एजेंटों की भर्ती की, जिन्हें भारी कमीशन, विदेश यात्राएं, महंगी गाड़ियां और अन्य लालच दिए गए. एजेंटों ने लोगों को समझाया कि अगर वे निवेश करेंगे तो उनका पैसा 4-5 साल में डबल हो जाएगा. बैंक से ज्यादा ब्याज दर का लालच देकर उन्होंने नकद में पैसा जमा करवाया और बदले में फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट/बॉन्ड या पासबुक दी, जिससे निवेशक को विश्वास हो कि उनका पैसा सुरक्षित है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कंपनी के अधिकारी और एजेंट पैसा लेकर फरार</strong><br />घोटालेबाजों ने शुरुआती सालों में कुछ निवेशकों को पैसे लौटाकर विश्वास जीतने की कोशिश की, जिससे और ज्यादा लोग इन योजनाओं में पैसा लगाने लगे, लेकिन जब निवेश की रकम बहुत ज्यादा हो गई तो कंपनी के प्रमुख अधिकारी और एजेंट पैसा लेकर फरार हो गए और लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला.<br />जब निवेश की मियाद पूरी होने के बाद निवेशकों ने अपना पैसा वापस मांगा, तो एजेंट और कंपनी के जिम्मेदार लोग गाली-गलौच करने लगे और पैसे देने से इनकार कर दिया. इसके बाद प्रभावित निवेशकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू हुई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>असली मालिक की पहचान छिपाने के लिए कंपनी बनाई</strong><br />ED की जांच में सामने आया कि घोटालेबाजों ने M/s Bhaskar Infracon LLP नाम की एक कंपनी बनाई और उसमें जमा कराए गए पैसों को अचल संपत्तियों में निवेश किया, ताकि असली मालिक की पहचान छिपाई जा सके. झांसी में कई संपत्तियां खरीदी गईं, जिन्हें बाद में बेचकर पैसे Sameer Agarwal के निर्देशों पर इधर-उधर भेज दिए गए.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा, एक अन्य आरोपी ने M/s Castle Heights में 25% पार्टनरशिप ले रखी थी. ये कंपनी भोपाल में रियल एस्टेट ब्रोकिंग का काम करती थी और इसी के जरिए कई अचल संपत्तियां खरीदी गईं.</p>
<p style="text-align: justify;">ED ने इस मामले में आगे की जांच जारी रखी है. इसमें और संपत्तियों को भी जब्त किया जा सकता है. इस घोटाले में जुड़े लोगों की भी तलाश भी की जा रही है.</p>
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