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नागपुर हिंसा: 11 में से 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू हटाया गया या ढील दी गई



महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद यहां 11 में से 10 पुलिस थाना क्षेत्रों में लगाया गया कर्फ्यू या तो हटा दिया गया है या उसमें ढील दी गई है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंघल ने शुरू में नंदनवन और कपिलनगर में प्रतिबंध हटा दिए थे, लेकिन आज शाम उन्होंने जोन 3 के अंतर्गत पंचपावली, शांतिनगर और लकड़गंज तथा जोन 4 के अंतर्गत सक्करदरा और इमामवाड़ा से कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया.

उन्होंने बताया कि हालांकि जोन 3 के अंतर्गत आने वाले कोतवाली, तहसील और गणेशपेठ पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू जारी रहेगा तथा लोगों को आवश्यक खरीदारी के लिए कर्फ्यू में शाम सात बजे से रात 10 बजे तक ढील दी जाएगी.

अधिकारी ने बताया, ‘‘17 मार्च की हिंसा में घायल इरफान अंसारी की मौत के बाद जोन 5 के यशोधरा नगर पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है.”

पुलिस ने बताया कि वेल्डिंग का काम करने वाले अंसारी (40) की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई. अंसारी सोमवार रात लगभग 11 बजे घर से नागपुर रेलवे स्टेशन से इटारसी के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए निकले थे. यह इलाका हिंसा से प्रभावित था.

अधिकारी ने कहा कि कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘‘आवश्यक सेवाओं, सरकारी कर्मचारियों और परीक्षा देने वाले छात्रों को इससे छूट दी गई है.” गत 17 मार्च को नागपुर के कई हिस्सों में उस समय बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की खबरें आईं, जब यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी एक चादर जलाई गई.

हिंसा में पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए. हिंसा के सिलसिले में शनिवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिससे हिरासत में लिए गए लोगों की कुल संख्या 112 हो गई.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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