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नागपुर हिंसा में बड़ा एक्शन: देशद्रोह के आरोप में यूट्यूबर गिरफ्तार, 190 भड़काऊ पोस्ट हटाई गईं




नागपुर:

नागपुर में 17 मार्च को भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. ताजा अपडेट के अनुसार, नागपुर पुलिस ने अब तक 104 लोगों को गिरफ्तार किया है और इस सिलसिले में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इस हिंसा के पीछे साजिश की परतें खुल रही हैं, जिसमें माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फहीम खान और कार्यकारी अध्यक्ष हामिद इंजीनियर का नाम प्रमुखता से सामने आया है. दोनों की संपत्तियों को सील कर दिया गया है.

इस बीच, नागपुर साइबर पुलिस ने हिंसा को भड़काने में सोशल मीडिया की भूमिका पर सख्ती दिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. साइबर सेल ने चार एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें से एक में स्थानीय यूट्यूबर मोहम्मद शहबाज़ को गिरफ्तार किया गया है. शहबाज़ पर देशद्रोह (आईपीसी की धारा 124) का गंभीर आरोप लगाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, शहबाज़ ने अपने यूट्यूब चैनल पर हिंसा के दौरान लाइव स्ट्रीमिंग की थी, जिसे साइबर सेल ने हिंसा भड़कने का एक प्रमुख कारण माना है. इस लाइव वीडियो के जरिए अफवाहें फैलाने और तनाव बढ़ाने का आरोप उस पर लगा है.  

 190 भड़काऊ पोस्ट हटाए गए
नागपुर साइबर सेल ने इस मामले में अब तक 190 भड़काऊ पोस्ट को हटवाया है और 18 ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है, जिन्होंने हिंसा से पहले और बाद में आपत्तिजनक सामग्री साझा की. इन अकाउंट्स में कुछ नागपुर के हैं, तो कुछ शहर से बाहर के भी बताए जा रहे हैं. साइबर पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों ने हिंसा को और बढ़ावा दिया, जिसमें पुलिस पर हमले और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं शामिल हैं.

औरंगजेब को लेकर हुआ था विवाद
नागपुर हिंसा की शुरुआत औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए प्रदर्शन से हुई थी, जो बाद में दो समुदायों के बीच तनाव में बदल गई.  इस दौरान पुलिस पर पथराव, वाहनों में आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आईं. पुलिस अब तक सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया डेटा के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है. साइबर सेल और नागपुर पुलिस की संयुक्त जांच में बांग्लादेशी कनेक्शन भी उजागर हुआ है, जिसके तार हिंसा भड़काने वाली पोस्ट से जुड़े बताए जा रहे हैं. स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कर्फ्यू लगाया था.





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