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तेज तर्रार अर्थशास्त्री, बेदाग प्रधानमंत्री और इकोनॉमी पर गहरी छाप छोड़ने वाले नेता


Manmohan Singh Death: पूर्व पीएम मनमोहन का दिल्ली के एम्स में 92 साल की उम्र में निधन हो गया. देशभर के लोग उनके निधन पर शोक जाहिर कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधार का असल चेहरा माना जाता है. वह भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे. उनकी ख्याति कम बोलने वाले, विनम्र और व्यक्तिगत तौर पर ईमानदार प्रधानमंत्री की रही है. हालांकि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी सरकार पर भष्ट्राचार के कई मामले सामने आए, लेकिन उनपर निजी तौर पर कोई दाग नहीं लग सका. 

1984 सिख दंगों के लिए मांगी थी माफी

डॉ मनमोहन सिंह सिख समुदाय से ताल्लुक रखते थे. 1984 में हुए सिख दंगे के दौरान कांग्रेस की सरकार थी. इस दंगे के लिए कांग्रेस पर कई आरोप लगे थे. कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री होने के कारण उन्होंने 1984 के दंगों के लिए संसद में सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी.

आर्थिक क्षेत्र में हासिल थी महारत

डॉ मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के जानकार थे. 1991 में भारत सरकार ने आर्थिक विकास को तेज़ करने और अर्थव्यवस्था में सरकार की भूमिका कम करने के लिए नई आर्थिक नीति (NEP) अपनाई थी. 

मनमोहन सिंह साल 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. 1972 में उनकी नियुक्ति वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में हुई. डॉ. सिंह ने वित्त मंत्रालय के सचिव; योजना आयोग के उपाध्यक्ष; भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर; प्रधानमंत्री के सलाहकार; विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर काम भी किया. मनमोहन सिंह 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री रहे. ये वक्त देश के आर्थिक ढांचे के लिए काफी अहम था.

डॉ मनमोहन सिंह को कई सम्मान से सम्मानित

डॉ मनमोहन सिंह को कई पुरस्कारों और सम्मानों सम्मानित किया गया है. उन्हें भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण(1987); भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार (1995); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवार्ड (1993 और 1994); वर्ष के वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड (1993), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (1956) का एडम स्मिथ पुरस्कार; कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट पुरस्कार (1955). डॉ. सिंह को जापानी निहोन किजई शिम्बुन एवं अन्य संघो की ओर से सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. सिंह को कैंब्रिज एवं ऑक्सफ़ोर्ड तथा अन्य कई विश्वविद्यालयों द्वारा मानद उपाधियां प्रदान की गई हैं.

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