जिंदगी की पाइपलाइन की पहली तस्वीरें, आखिरी चरण में बचाव अभियान| Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Latest Picture That Is Underway To Rescue The 41 Trapped Workers
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों के लिए मंगलवार (28 नवंबर) एक खुशखबरी लेकर आया. ताजा जानकारी के मुताबिक, कुछ ही घंटों में सभी मजदूरों को सुरंग से बाहर ले आया जाएगा. इस बीच उत्तराखंड सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन की ताजा तस्वीरें सामने आई हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने रेस्क्यू ऑपरेशन की आखिरी दौर की तस्वीर साझा की है. सिल्क्यारा सुरंग से मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें एयर लिफ्ट करने के लिए चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात कर दिया गया है.
Uttarakhand | Latest picture of Uttarkashi Tunnel rescue operation that is underway to rescue the 41 trapped workers pic.twitter.com/PSF7jWcXNo
— ANI (@ANI) November 28, 2023
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम पूरा हो गया है और जल्द ही सभी मजदूरों को बचा लिया जाएगा.
बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
‘मजदूरों को बाहर निकालने में लगेंगे 3-4 घंटे’
रेस्क्यू ओपरेशन को लेकर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, “अनुमान है कि हर मजदूर को निकालने में 3-5 मिनट का समय लगेगा. ऐसे में पूरी निकासी में 3-4 घंटे लगने की उम्मीद है. एनडीआरएफ की तीन टीमें लोगों को बाहर निकालने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए सुरंग में जाएंगी. इसमें एसडीआरएफ उनकी मदद करेगी .”
‘रात में उड़ान नहीं भरेगा चिनूक’
उन्होंने बताया कि टनल में फंसे मजदूरों ने कहा है कि वे काम का शोर सुन सकते हैं. हसनैन ने कहा कि चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर चिनूक हेलीकॉप्टर मौजूद है. चिनूक हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है. हम इसे रात के वक्त नहीं उड़ाएंगे. अगर मजदूरों को निकालमें देर हो जाती है तो उन्हें अगली सुबह एयरलिफ्ट किया जाएगा.
अस्पताल में 30 बेड की सुविधा
उन्होंने कहा कि चिनूक रात में उड़ान भर सकता है, लेकिन मौसम इसके लिए अनुकूल नहीं है. उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में 30 बेड की सुविधा की व्यवस्था की गई है और 10 बेड की सुविधा घटनास्थल पर तैयार है. अगर जरूरत पड़ी तो 1 या 2 एम्बुलेंस से मजदूरों को ऋषिकेश भेजा जा सकता है.
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