जमीन के बदले जॉब मामला : दिल्ली की कोर्ट से लालू परिवार को बेल, मगर ये शर्तें माननी होंगी
नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में लालू यादव फैमिली को दिल्ली कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू फैमिली को नौकरी के बदले जमीन घोटाले मामले में जमानत दे दी है. आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुबह 10 बजे लालू परिवार की पेशी हुई. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव भी पेश हुए.
किन शर्तों पर मिली जमानत
लालू यादव समेत सभी 9 आरोपियों को बेल दे दी. कोर्ट की तरफ से सभी को 1 -1 लाख के निजी मुचलके पर बेल दी गई. सभी को अपने पासपोर्ट सरेंडर करने होंगे, और बिना इजाजत यात्रा नहीं करेंगे. इसके साथ ही सभी को चार्जशीट की कॉपी देने के लिए कहा गया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. इस मामले में तेजप्रताप यादव पहली बार पेश हुए. ईडी ने आरोपियों के खिलाफ बीते 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी. इस मामले में ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें 11 आरोपियों के नाम थे. जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है. लेकिन कोर्ट ने उसने कहा कि ऐसा लगता है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया लालू के बड़े बेटे भी स्कैम में शामिल है.
जमानत मिलने पर क्या बोले तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और उनका मानना है कि इस मामले में सही फैसला होगा. तेजस्वी ने कहा कि यह एक साजिश है जिसे हम जानते हैं और हमने देखा है कि ईडी सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. क्योंकि ये एक राजनीतिक साजिश है और अदालत ने हमें जमानत दे दी है.
लालू को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया
ईडी ने अपनी चार्जशीट में लालू यादव को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था. इनमें 4 आरोपियों की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने कहा कि तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता, वो एके इंफोसिस के निदेशक हैं. इसलिए बतौर आरोपी उनकी भी आज पेशी हुई. लालू और तेज प्रताप यादव समेत 9 आरोपियों को ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ समन जारी किया है.
लालू प्रसाद यादव पर क्या आरोप
लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए नियमों को ताक पर रखकर ‘ग्रुप डी’ में लोगों को नौकरी देकर उनकी जमीन अपने नाम लिखवा ली. कई लोगों ने सामने आकर अपने बयान के जरिए इस बात की तस्दीक की है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने उनकी जमीन लेकर उन्हें रेलवे के ग्रुप डी में नौकरी दी थी. इस मामले में 30 आरोपी शामिल हैं.
सीबीआई ने मामले में संलिप्त अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच के लिए अर्जी लगाई है. जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इससे पहले, 18 सितंबर को पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सहित अन्य आरोपियों को समन जारी किया था. जांच एजेंसी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में मंजूरी की कॉपी जमा करा दी है.