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जब शिवराज ने कहा था- हमारी सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं, अब PWD मंत्री बोले- अव्यवहारिक बातें नहीं करता | When Shivraj had said- Our roads are better than America, now PWD Minister said




नई दिल्ली:

24 अक्तूबर 2017 को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में कहा था- जब मैं यहां वॉशिंगटन में एयरपोर्ट में उतरा और सड़कों पर चलकर आया तो मुझे लगा कि मध्य प्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं. लेकिन 18 अक्तूबर 2024को एक दम से वक्त, हालात पूरी तरह से बदल गए. मध्यप्रदेश के मौजूदा पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह से राज्य की सड़कों के बारे में पूछा गया था उन्होंने कहा- हम ऐसी बातें नहीं करना चाहते जो अव्यवहारिक हों, सड़कों का निर्माण अच्छा होना चाहिए. हम यह नहीं कह सकते कि वे अमेरिका से बेहतर होनी चाहिए.

दरअसल भोपाल के रवींद्र भवन में शनिवार और रविवार को भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) और एमपी लोक निर्माण विभाग (PWD) संयुक्त रुप से एक सेमिनार का आयोजन कर रहा है. इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी शामिल होंगे. एमपी के पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने शुक्रवार को इसी की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. 

रिपोर्टर- मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर कब होंगी, शिवराज जी ने कहा था कि प्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं?  

पीडब्लूडी मंत्री- हम ऐसी बातें नहीं करना चाहते जो अव्यवहारिक हों, सड़कों का निर्माण अच्छा होना चाहिए. हम यह नहीं कह सकते कि वे अमेरिका से बेहतर होनी चाहिए.लेकिन ये जरूर है कि सड़कें गुणवत्ता युक्त बननी चाहिए. इसके लिए इंडियन रोड कांग्रेस जैसी अपेक्स बॉडी है, जिसकी अपनी गाइडलाइंस होती हैं और उन्हीं मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सेमिनार आयोजित किए जाते हैं.

जाहिर है सात साल बाद अब उन ऊंचे-ऊंचे वादों का दौर खत्म हो गया है, जिसमें हम अमेरिका की सड़कों को पीछे छोड़ने की बात कर रहे थे.अब फोकस सिर्फ दिशानिर्देशों का पालन करने और वास्तविकता के करीब रहने पर है.  
इस बदलाव पर हंसी आना स्वाभाविक है. यह कुछ ऐसा है, जैसे पहले कहा-‘मैं माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने जा रहा हूं’ और अब कह रहे हैं ‘चलो पार्क में एक छोटा-सा टहलना ठीक रहेगा’.

यादों के झरोखे से 

आइए, थोड़े पीछे चलते हैं,जब शिवराज सिंह चौहान ने अमेरिका की यात्रा के दौरान वो चर्चित बयान दिया था. वॉशिंगटन डीसी के रसेल सीनेट हॉल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय फोरम के शुभारंभ पर शिवराज ने गर्व से कहा था, “जब मैं वॉशिंगटन एयरपोर्ट पर उतरा और सड़कों पर चला, तो मुझे लगा कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से बेहतर हैं।” मुस्कुराते हुए उन्होंने यह बात कही थी और साथ में जोड़ा था-मैं यह सिर्फ कहने के लिए नहीं कह रहा.”

वो आत्मविश्वास, वो दृष्टिकोण, वो साहस—कैसे न सराहें उस पल को? आखिरकार,वे एक ऐसे मुख्यमंत्री थे जो अपने राज्य के लिए बड़े सपने देख रहे थे. उन्होंने ये भी याद दिलाया था कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में लगभग 1.75 लाख किमी सड़कों का निर्माण किया गया,जो सभी गांवों को जोड़ती हैं. जिसके बाद कुछ पल के लिए, हम सभी प्रदेश वासी ‘अमेरिका क्या चीज़ है, हमारे पास सबकुछ है’ जैसी ट्रेन में सवार हो गए थे.

हकीकत की जांच? 

और अब, सात साल बाद, राकेश सिंह का जवाब हमें फिर से जमीन पर ला रहा है. इसमें कोई संदेह नहीं कि राज्य में बुनियादी ढांचा बेहतर हुआ है, लेकिन क्या हम सचमुच अमेरिका की सड़कों से तुलना कर सकते हैं? शायद नहीं. यहां तक कि शिवराज के पार्टी के ही मंत्री इस जुमले को दोबारा उठाने में थोड़े संकोची लगते हैं. बहरहाल मध्यप्रदेश के लोग अपनी सड़कों और नेताओं के लगातार बदलते वादों के बीच यात्रा कर रहे हैं. 

 




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