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जब अखिलेश ने बताई, मुलायम पर गीत लिखने वाले ‘गुरु’ की कहानी



नई दिल्ली:

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गुरु को लेकर बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उसी शख्स की बदौलत नेता जी (मुलायम सिंह यादव) राजनीति में आए और कई शीर्ष पदों पर पहुंचे. अखिलेश यादव ने बताया कि वो शख्सियत उदय प्रताप सिंह हैं, जिन्होंने मेरे पिता को सिखाया और आगे बढ़ाया.

अखिलेश यादव ने कहा कि उदय प्रताप सिंह आज के समय के सबसे बड़े कवि हैं. उदय प्रताप सिंह, नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के भी गुरू थे. उन्होंने ही नेता जी को सिखाया और आगे बढ़ाया. दोनों ही राजनीतिक और समाज की ऊंचाईयों तक पहुंचे. इस तरह के संबंध बेहद कम देखने को मिलते हैं कि उदय प्रताप सिंह, मुलायम सिंह यादव के गुरु थे और बाद में मुलायम सिंह यादव उनके नेता बने.

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सपा अध्यक्ष ने कहा कि उदय प्रताप सिंह ने मुलायम सिंह यादव से अपने संबंधों को लेकर एक गीत भी लिखा था जो उन्होंने मंच से सुनाया भी था. उस कविता का आज भी उतना ही महत्व है, जितना उस समय था.

उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था और उस वक्त एक त्योहार के मौके पर मुझे एक बार देश के सभी नेताओं को शुभकामना संदेश भेजना था, तो मैंने अपने कार्ड पर उदय प्रताप सिंह की ही लोकप्रिय कविता, ‘न तेरा है न मेरा है, हिंदुस्तान सबका है और ये बात नहीं समझी गई, तो नुकसान सबका है’ लिखा था.

अखिलेश यादव ने कहा कि जब मुलायम सिंह यादव पार्टी के लिए झंडा गीत बनाना चाहते थे तो उन्होंने सबसे पहले उदय प्रताप सिंह को याद किया. उदय प्रताप सिंह ने न केवल समाजवाद, बल्कि पार्टी के लिए झंडा गीत और मुलायम सिंह यादव पर भी बेहतरीन कविताएं लिखीं.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि एक बार मैंने उदय प्रताप सिंह से पार्टी के सिंबल साइकिल पर भी गीत लिखने का अनुरोध किया और उन्होंने, ‘साइकिल भी है खूब सवारी…’ गीत लिखा था. साथ ही चुनाव प्रचार के लिए लिखा गया मशहूर गीत, ‘मन से मुलायम…’ भी उदय प्रताप सिंह ने ही लिखा था.

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