चार साल, दो महीना, 29 दिन! क्यों संसद से पारित होने के बाद भी CAA को लागू होने में लगा इतना समय?
<p style="text-align: justify;">नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (<a title="CAA" href="https://www.abplive.com/topic/caa" data-type="interlinkingkeywords">CAA</a>) को लागू कर दिया गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. हालांकि इसे लागू करने में चार साल दो महीना 29 दिन लग गए. बता दें कि सीएए को देश की संसद से पारित हुए लगभग 5 साल पूरे हो गए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बसे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित प्रताड़ना झेल चुके गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.<br /><br /><strong>5 साल बाद क्यों लागू हो रहा कानून</strong><br /><br />यह कानून 5 साल पहले ही बन गया था, लेकिन इसे लागू होने में लंबा समय लग गया. दरअसल जब यह कानून बना था, तब इसका जमकर विरोध हुआ था. दिल्ली के शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों ने कई महीनों तक विरोध किया था. इसके बाद कोरोना महामारी आने से विरोध तो खत्म हो गए, लेकिन सरकार भी महामारी से निपटने में लग गई और सीएए ठंडे बस्ते में चला गया. कोरोना महामारी खत्म हुई तो सरकार अन्य कामों में उलझ गई. इस वजह से नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने में देरी होती गई. अब सरकार ने इसे लागू करने का फैसला किया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>विरोध के कारण हुई देरी</strong><br /><br />नागरिकता संशोधन अधिनियम से जुड़ी कई अफवाहें सामने आई थीं. आम लोगों के अंदर इस कानून को लेकर कई तरह की गलतफहमियां थीं. इसी वजह से सरकार ने इसे लागू करने में जल्दीबाजी नहीं दिखाई. अब इस कानून को लेकर स्थिति पहले की तुलना में काफी स्पष्ट हो चुकी है. इसी वजह से इसे लागू किया जा रहा है.<br /><br /><strong>राज्यों के अलग मत</strong><br /><br />पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्यों का मत इस कानून को लेकर अलग था. राज्य सरकारों का कहना था कि अपने राज्य में वह इस कानून को नहीं लागू होने देंगे. इस वजह से भी इस कानून को लागू होने में देरी हुई. कई राज्यों में अब सरकार भी बदली है और कुछ राज्यों में सरकार के रुख में बदलाव आया है.<br /><br /><strong>बीजेपी में अंदरूनी मतभेद</strong><br /><br />भारतीय जनता पार्टी में भी इस कानून को लेकर अंदरूनी मतभेद थे. कथित तौर पर कई कार्यकर्ताओं ने इसी वजह से पार्टी भी छोड़ी थी. ऐसे में सरकार ने पहले सारी गलतफहमियां दूर कीं.</p>
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