चारधाम यात्रा से पहले बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में अध्यक्ष की कुर्सी खाली, ताजपोशी का इंतजार
<p style="text-align: justify;"><strong>Uttarakhand News: </strong>उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में अध्यक्ष पद की कुर्सी खाली है. बीकेटीसी के निवर्तमान अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कार्यकाल सात जनवरी को पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक सरकार ने इस पद पर किसी की ताजपोशी नहीं की है. ऐसे में चारधाम यात्रा की तैयारियां बिना अध्यक्ष के ही चल रही हैं, जिससे मंदिर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है</p>
<p style="text-align: justify;">बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की स्थापना वर्ष 1939 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी. वर्तमान में बीकेटीसी के अधीन बदरीनाथ और केदारनाथ धाम समेत कुल 47 मंदिर आते हैं. इन मंदिरों में दर्शन, पूजा-पाठ, भोग-प्रसाद, सुरक्षा और अन्य धार्मिक व्यवस्थाओं का संचालन समिति ही करती है.</p>
<p style="text-align: justify;">बीकेटीसी के अध्यक्ष का चयन प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है. वर्तमान में समिति का कामकाज अध्यक्षविहीन स्थिति में चल रहा है. चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू हो रही है, लेकिन अभी तक समिति की कोई बोर्ड बैठक नहीं हो पाई है. ऐसे में यात्रा की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं</p>
<p style="text-align: justify;">चारधाम यात्रा से पहले बीकेटीसी बोर्ड की बैठक में कई अहम फैसले लिए जाते हैं. यात्रा के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन, पूजा-पाठ, सुरक्षा और अन्य धार्मिक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए बोर्ड बैठक में निर्णय किए जाते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, इस बार अध्यक्ष पद खाली होने के कारण बोर्ड बैठक अब तक नहीं हो पाई है. इससे यात्रा के लिए जरूरी व्यवस्थाओं में देरी हो रही है. यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई, मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण, यात्री सुविधाओं और सुरक्षा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दे अभी तक लंबित हैं</p>
<p style="text-align: justify;">बीकेटीसी अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के कई नेता दावेदारी पेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा संगठन ने इस पद के लिए हाईकमान को कई नाम भेजे हैं. हालांकि, अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लेना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><a href="https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-politics-discussion-on-cabinet-expansion-and-change-of-bjp-chief-in-uttarakhand-ann-2909921"><strong>उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार और बीजेपी चीफ बदलने की चर्चा तेज, हाईकमान के फैसले का इंतजार</strong></a></p>
<p style="text-align: justify;">सूत्रों के अनुसार, अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता और संगठन से जुड़े कुछ नामों पर चर्चा हो रही है. इसके अलावा स्थानीय नेताओं का भी नाम सामने आ रहा है. लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है</p>
<p style="text-align: justify;">अध्यक्ष की गैरमौजूदगी का असर चारधाम यात्रा की तैयारियों पर साफ दिखाई दे रहा है. हर साल यात्रा से पहले बीकेटीसी बोर्ड की बैठक में व्यवस्थाओं की समीक्षा और जरूरी निर्णय लिए जाते हैं. लेकिन इस बार बैठक न होने से कई मुद्दे अधर में लटके हुए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">मंदिर समिति के अध्यक्ष का पद खाली होने के कारण कर्मचारियों की नियुक्ति, सुरक्षा उपायों और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. इससे यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित करने में परेशानी हो सकती है</p>
<p style="text-align: justify;">चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस बार भी यात्रा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है. अब तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. लेकिन बीकेटीसी अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठ रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए मंदिर परिसर में पेयजल, चिकित्सा सेवा, साफ-सफाई, दर्शन व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी बीकेटीसी की होती है. अध्यक्ष पद खाली होने से इन व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में देरी हो रही है</p>
<p style="text-align: justify;">चारधाम यात्रा की तैयारियों के बीच बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का अध्यक्ष पद खाली होना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है. यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बीकेटीसी अध्यक्ष का होना बेहद जरूरी है, ताकि बोर्ड बैठक में आवश्यक निर्णय लिए जा सकें.</p>
<p style="text-align: justify;">श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द अध्यक्ष की नियुक्ति करनी होगी. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कब इस पर फैसला लेते हैं.</p>
Source link