गोल्ड जीत पाक पहुंचते ही लश्कर आतंकी के साथ अरशद नदीम! कौन है हाफिज का गुर्गा डार
Arshad Nadeem seen with terrorist : अरशद नदीम की जीत पर पूरा भारत भी झूम उठा था.
Arshad Nadeem seen with terrorist : ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर लौटे अरशद नदीम को पाकिस्तान ने इन दिनों सिर आंखों पर बिठाया हुआ है. उनका जोरदार स्वागत हो रहा है, लेकिन इस बीच एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई है जो उनको बधाई देने वाले हर भारतीय के दिल को चुभ रही है. वह लश्कर के आतंकवादी के साथ नजर आए हैं.
आतंकवादी से क्यों यारी?
After winning the Gold medal, Pakistani athlete Arshad Nadeem meets Lashkar-e-Taiba terrorist Harris Dhar.
Some mixed DNA Hindus were ready to make him their father after he defeated Neeraj… There was a race among casteist clowns to claim him as theirs… pic.twitter.com/E8v8N6KyXw
— Mr Sinha (@MrSinha_) August 13, 2024
कौन है हैरिस डार?
सोशल मीडिया पर हैरिस डार के साथ अरशद नदीम की फोटो वायरल है, जिसमें अरशद संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के नेता हैरिस डार के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दिए हैं. वायरल वीडियो के सामने आने के बाद भी अरशद ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लश्कर-ए-तैयबा को संयुक्त राष्ट्र ने एक आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित किया हुआ है. मुहम्मद हैरिस डार मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के संयुक्त सचिव के रूप में कार्य करता है, जो कि लश्कर आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा स्थापित एक राजनीतिक दल है. मिल्ली मुस्लिम लीग को लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के रूप में देखा जाता है. आपको बता दें कि हाफिज सईद 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड के रूप में कुख्यात है, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी.
कश्मीर पर ये बोला था…
2018 में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने एमएमएल और मुहम्मद हैरिस डार सहित उसके केंद्रीय नेतृत्व को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित किया था. डार लश्कर की गतिविधियों से जुड़ा रहा है. खासकर लश्कर की छात्र शाखा अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स (एएमएस) के साथ से. यहां वह प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, हथियार कौशल और हमले की रणनीति पर केंद्रित प्रशिक्षण शिविरों में काम करत था. डार को भारत विरोधी बयानबाजी के लिए भी जाना जाता है. वह अक्सर सार्वजनिक समारोहों में भड़काऊ बयान देता रहता है. एक बार तो उसने कश्मीर में भारत की स्थिति की तुलना अफगानिस्तान से अमेरिका से की थी और आशा व्यक्त की थी कि भारत को कश्मीर में भी इसी तरह के परिणाम का सामना करना पड़ेगा.