गोल्ड के शौकीन ट्रंप व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस को गोल्डन बनाने में जुटे, कनाडा ने तोड़ी ‘मर्यादा’
Donald Trump Canada Row: हर कोई जानता है कि डोनाल्ड ट्रंप को गोल्ड से प्यार है. अब व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस को वो गोल्डन बनाने के काम में लग गए हैं. ओवल ऑफिस अमेरिकी शक्ति का सबसे शक्तिशाली प्रतीक है.यहीं दुनिया के सभी देशों के नेता अमेरिका के राष्ट्रपति से मिलते हैं. जेलेंस्की और ट्रंप के बीच विवाद भी यहीं हुआ था. ओवल ऑफिस को सोने की परत चढ़ी ट्रॉफियों और सोने की परत चढ़ी ट्रंप-ब्रांडेड कोस्टर से सजाया गया है. दीवार के लगभग हर उपलब्ध इंच को उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों के चित्रों से भर दिया है. अमेरिका में ट्रंप के आने के बाद से लगभग हर दिन कुछ नया लेकर आता है. इस सप्ताह ट्रंप ने स्वतंत्रता की घोषणा की एक प्रति का अनावरण किया. ये 250 साल पहले ब्रिटिश राजशाही से अमेरिका की स्वतंत्रता का ऐतिहासिक दस्तावेज था.

(ट्रंप-ब्रांडेड कोस्टर ओवल ऑफिस में)
अपने पहले कार्यकाल की तुलना में कहीं ज़्यादा, ऐसा लगता है कि 78 वर्षीय ट्रंप सक्रिय हो गए हैं. हालांकि, ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति के चित्रों की गैलरी में ऐसे ही नये चित्रों को नहीं जोड़ रहे. वो एक संदेश भी दे रहे हैं. ऐसा ही एक चित्र है 19वीं सदी के राष्ट्रपति जेम्स पोल्क का. 11वें अमेरिकी राष्ट्रपति पोल्क के कार्यकाल में संयुक्त राज्य अमेरिका ने पश्चिमी तट, दक्षिण-पश्चिम और टेक्सास के विशाल क्षेत्रों पर कब्ज़ा करके अपना क्षेत्रीय विस्तार किया था. ट्रंप भी ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने, पनामा नहर को दोबारा पाने, कनाडा को 51वां राज्य बनाने और गाजा पर कब्ज़ा करने की खुलेआम बात करके सहयोगियों को डरा रहे हैं.

(गोल्डन ओवल ऑफिस की नई तस्वीर)
यूं तो ओवल ऑफिस को प्रत्येक राष्ट्रपति अपनी पसंद का बनाने के लिए व्हाइट हाउस कला संग्रह से अधिकांश चीजों को चुनता है, लेकिन ट्रंप तो ट्रंप हैं. फॉक्स न्यूज चैनल के “द इंग्राहम एंगल” के साथ एक साक्षात्कार में ट्रंप ने मंगलवार को कहा, “क्या आपको लगता है कि जो बाइडेन ऐसा करेंगे? मुझे ऐसा नहीं लगता.” ट्रंप ने दरवाजों के ऊपर हाल ही में लगाए गए सोने के करूब की ओर भी इशारा किया. उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि देवदूत सौभाग्य लाते हैं.” ट्रंप ओवल ऑफिस को गोल्डन कर अमेरिका के गोल्डन डेज की वापसी का इंतजार कर रहे हैं.

(डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीर)
इसके लिए वो दुनिया भर के देशों के साथ टैरिफ-टैरिफ खेल रहे हैं. चीन और यूरोप उनके निशाने पर हैं. समस्या तो उनकी भारत के साथ भी है. ट्रंप ने अमेरिकी समाचार वेबसाइट ‘ब्रेइटबार्ट न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में भारत के साथ अमेरिका के संबंधों पर चर्चा के दौरान यह बात कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिछले महीने हुई शिखर वार्ता के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘‘भारत के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन भारत के साथ मेरी एकमात्र समस्या यह है कि वह दुनिया में सबसे अधिक शुल्क लगाने वाले देशों में से एक हैं. मेरा मानना है कि वे संभवतः उन शुल्कों में काफी हद तक कटौती करने जा रहे हैं. हालांकि, दो अप्रैल को हम उनसे वही शुल्क वसूलेंगे, जो वे हमसे वसूलते हैं.” साफ है कि ट्रंप अपने मिशन पर लगे रहेंगे.
‘कनाडा ने तोड़ी मर्यादा’

(मार्क कार्नी की तस्वीर)
इस बीच कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए पारंपरिक रूप से अमेरिका की बजाय यूरोप को गंतव्य के रूप में चुनकर बड़ा कदम उठाया है. यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा से भी टैरिफ वॉर चल रहा है. कार्नी का पहला पड़ाव पेरिस था, जहां उन्होंने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन से मुलाकात की और फिर वे ब्रिटेन चले गए. जाहिर है, ब्रिटेन से लेकर यूरोप तक कनाडा से लेकर चीन तक हर कोई ट्रंप का मारा है और एक-दूसरे के जख्मों को मरहम लगा रहा है. देखना ये है कि ट्रंप का ये दांव अमेरिका को गोल्डन डेज में वापसी कराता है या नुकसान पहुंचाता है.