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गोधरा, पाकिस्तान, रूस-यूक्रेन युद्ध… 3 घंटे के पॉडकास्ट में PM मोदी ने ‘लोकल से ग्लोबल’ हर मुद्दे पर की खुलकर बात



नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक विशेष बातचीत की है. तीन घंटे से अधिक के इस पॉडकास्ट को रविवार शाम जारी किया गया. इस बातचीत में पीएम मोदी ने अपने निजी और राजनीतिक जीवन के साथ-साथ राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मसलों पर खुल कर बात की है. इसमें उन्होंने बताया है कि उनका बचपन कैसा बीता और उन्होंने किन परिस्थितियों का सामना किया. इसमें उन्होंने 2002 के गोधराकांड के बाद हुए दंगों को लेकर भी बात की है. उन्होंने कहा है कि गुजरात दंगों को लेकर झूठा प्रचार किया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे उनके राजनीतिक विरोधी चाहते थे कि उन्हें सजा मिले, लेकिन अदालतों ने उन्हें निर्दोष साबित किया.पीएम मोदी ने इस बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने संबंधों को लेकर भी बातचीत की है. आइए जानते हैं कि इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने किन पहलुओं को छुआ है. बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए लेक्स फ्रीडमैन ने करीब 45 घंटे का उपवास रखा. इस दौरान उन्होंने केवल पानी पिया.उन्होंने जब यह बात पीएम मोदी को बताई तो उन्होंने फ्रीडमैन का आभार जताया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनके राजनीतिक विरोधी गुजरात दंगों में उन्हें सजा दिलाना चाहते हैं, लेकिन अदालत ने उन्हें निर्दोष बताया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनके राजनीतिक विरोधी गुजरात दंगों में उन्हें सजा दिलाना चाहते हैं, लेकिन अदालत ने उन्हें निर्दोष बताया.

गुजरात दंगों के बाद क्या हुआ

इस पॉडकास्ट में लेक्स फ्रीडमैन से पीएम मोदी ने कहा कि यह धारणा गलत सूचना फैलाने का एक प्रयास था कि 2002 के दंगे गुजरात में अब तक के सबसे बड़े दंगे थे. उन्होंने कहा कि गोधरा कांड के बाद हुए दंगों को लेकर एक झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे उनके राजनीतिक विरोधी चाहते थे कि उन्हें सजा मिले, लेकिन अदालतों ने उन्हें निर्दोष साबित किया. उन्होंने कहा कि जो लोग वास्तव में जिम्मेदार थे, उन्हें अदालतों से सजा मिली. उन्होंने कहा,”अगर आप 2002 से पहले के आंकड़ों की समीक्षा करेंगे तो आप पाएंगे कि गुजरात में लगातार दंगे हुए. कहीं-कहीं तो लगातार कर्फ्यू लगाया जाता था. सांप्रदायिक हिंसा पतंगबाजी प्रतियोगिता या यहां तक कि साइकिल टक्कर जैसे छोटे मुद्दों पर भी भड़क जाया करती थी.” उन्होंने कहा कि 1969 में गुजरात में दंगे छह महीने से ज्यादा समय तक चले थे. उस समय वह राजनीतिक क्षितिज पर कहीं नहीं थे. मोदी ने कहा कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड उनके गुजरात विधानसभा का सदस्य चुने जाने के मुश्किल से तीन दिन बाद हुआ.पीएम मोदी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गुजरात, जहां लगभग हर साल हिंसा होती थी, वहां 2002 के बाद से दंगे नहीं हुए हैं. गुजरात में पूरी तरह शांति है. 

एक स्वयंसेवक को क्या सिखाता है आरएसएस

इस बातचीत में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा की और कहा कि इसके जैसे ‘पवित्र’ संगठन से जीवन के मूल्य सीखकर वह खुद को धन्य महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि संघ ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया है. उन्होंने कहा कि इसके विभिन्न सहयोगी संगठन कई क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग से जुड़े हुए हैं. बीजेपी में शामिल होने से पहले खुद आरएसएस प्रचारक रहे मोदी ने कहा कि वह युवावस्था में ही इस संस्था से जुड़ गए थे, क्योंकि गुजरात में उनके घर के पास लगने वाली आरएसएस की शाखा में गाए जाने वाले देशभक्ति के गीतों ने उनके दिल को छुआ. आरएसएस के दर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी करे लेकिन उसे देश के लिए काम करना चाहिए.

पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि आरएसएस ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया है.

पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि आरएसएस ने उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य दिया है.

उन्होंने कहा कि आरएसएस सिखाता है कि देश सर्वोपरि है और लोगों की सेवा करना भगवान की सेवा करने के समान है. उन्होंने कहा,”मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे ऐसे पवित्र संगठन से जीवन के मूल्य मिले.” उन्होंने कहा,”मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य था, देश के काम आना. यही मुझे संघ (आरएसएस) ने सिखाया है. आरएसएस की स्थापना के इस 2025 में 100 साल पूरे हो रहे हैं. दुनिया में आरएसएस से बड़ा कोई स्वयंसेवी संगठन नहीं है.” 

पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस को समझना कोई आसान काम नहीं है. उन्होंने कहा,”यह अपने स्वयंसेवकों को जीवन का एक उद्देश्य देता है. यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है. हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी सिखाया है, संघ भी वही सिखाता है.”

कैसे खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध

बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठा. पीएम मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष कभी भी युद्ध के मैदान में नहीं सुलझ सकता. उन्होंने कहा कि इसका समाधान तभी होगा जब दोनों पक्ष वार्ता की मेज पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में भारत तटस्थ नहीं है बल्कि शांति के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आग्रह कर सकते हैं कि युद्ध समाधान नहीं है और यूक्रेन को याद दिला सकते हैं कि युद्ध के मैदान से कभी समाधान नहीं निकलता. उन्होंने कहा,”रूस और यूक्रेन के साथ मेरे एक जैसे करीबी संबंध हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठ सकता हूं और कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है.मैं राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को दोस्ताना तरीके से यह भी बता सकता हूं कि भाई, दुनिया में चाहे जितने भी लोग आपके साथ खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी कोई समाधान नहीं निकलेगा.” उन्होंने कहा कि शुरुआत में शांति स्थापित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब, मौजूदा स्थिति यूक्रेन और रूस के बीच सार्थक और प्रभावी वार्ता का अवसर प्रस्तुत करती है.

पीएम मोदी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान लड़ाई के मैदान में नहीं निकलेगा.

पीएम मोदी ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान लड़ाई के मैदान में नहीं निकलेगा.

उन्होंने कहा,”बहुत नुकसान हुआ है. यहां तक कि ग्लोबल साउथ को भी नुकसान हुआ है. दुनिया अन्न, ईंधन और खाद के संकट से जूझ रही है. इसलिए, वैश्विक समुदाय को शांति के लिए एकजुट होना चाहिए. जहां तक मेरी बात है, मैंने हमेशा कहा है कि मैं शांति के साथ खड़ा हूं. मैं तटस्थ नहीं हूं. मेरा एक रुख है और वह शांति है और मैं शांति के लिए प्रयास करता हूं.” पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि भारत, संघर्ष से ऊपर शांति की वकालत करता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ कैसे हैं पीएम मोदी के संबंध

डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपने संबंधों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके बीच परस्पर विश्वास का रिश्ता है. वे बेहतर तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं, क्योंकि वे हर चीज से ऊपर अपने राष्ट्रीय हितों को रखने में विश्वास करते हैं.पीएम मोदी ने ट्रंप को साहसी व्यक्ति बताया, जिसने अपने फैसले खुद किए और जो अमेरिका के प्रति अटूट रूप से समर्पित रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका यह समर्पण उस वक्त भी दिखा जब पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान एक बंदूकधारी ने उन्हें गोली मार दी थी.

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहले की तुलना में कहीं अधिक तैयार दिखाई दे रहे हैं.उन्होंने कहा कि उनकी हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान उन्हें ट्रंप की टीम के सदस्यों से मिलने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि ट्रंप ने मजबूत और सक्षम टीम बनाई है.इतनी मजबूत टीम के साथ, मुझे लगता है कि वे राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण को लागू करने में पूरी तरह सक्षम हैं.बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड, विवेक रामास्वामी और एलन मस्क के साथ अपनी बैठकों को याद किया.

क्या पाकिस्तान ने केवल विश्वासघात किया है

पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पड़ोसी देश ने शत्रुता और विश्वासघात से दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि उसे सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा. उन्होंने कहा,” मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को आमंत्रित किया था, लेकिन शांति के हर प्रयास का जवाब शत्रुता और विश्वासघात से मिला.हम पूरी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी और वह शांति का मार्ग अपनाएगा.” ॉ

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनके संबंध परस्पर विश्वास का है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनके संबंध परस्पर विश्वास का है.

उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान के लोग भी शांति चाहते हैं क्योंकि वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहते हुए थक गए होंगे, जहां मासूम बच्चे भी मारे जाते हैं और अनगिनत जिंदगियां बर्बाद हो जाती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जब भी शांति की बात करता है, तो आज दुनिया उसकी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है. 

किस दिशा में बढ़ रहे हैं भारत-चीन संबंध

भारत के एक और पड़ोसी चीन के साथ पूर्व में तनाव के बाद भी पीएम मोदी ने विवाद के बजाय बातचीत का समर्थन किया और कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद स्वभाविक हैं,लेकिन मजबूत सहयोग दोनों पड़ोसियों के हित में है और यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी जरूरी है. उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ हुई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि भारत और चीन सीमा पर 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर झड़पों से पहले वाली स्थितियों को बहाल करने की दिशा में काम कर रहे हैं. साल 2020 में हुई झड़पें 1975 के बाद पहली बार हुई थीं. इसमें दोनों देशों के जवानों की मौत हुई थी.उन्होंने कहा कि भारत-चीन के बीच सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है. पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम सदियों पीछे मुड़कर देखें तो भारत-चीन के बीच संघर्ष का कोई वास्तविक इतिहास नहीं है.

कौन है पीएम मोदी का पसंदीदा फुटबॉलर

बातचीत में क्रिकेट की भी चर्चा हुई. पीएम मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान पर दबदबा बनाए रखने के हवाले से कहा कि वो क्रिकेट के विशेषज्ञ तो नहीं हैं, लेकिन नतीजों से पता चलता है कि कौन सी टीम बेहतर है. भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल में चैंपियंस ट्रॉफी जीती है. इस प्रतियोगिता में भारत ने पाकिस्तान को करारी हार दी थी. पीएम मोदी ने महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना को अपने जमाने का वास्तविक नायक करार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि आज की पीढ़ी का पसंदीदा खिलाड़ी लियोनल मेस्सी है.

महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना को पीएम मोदी ने वास्तविक नायक बताया है.

महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना को पीएम मोदी ने वास्तविक नायक बताया है.

भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता के बारे में उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल की अपनी यात्रा का जिक्र किया. उन्होंने वहां के लोगों में खेल के प्रति गहरा प्रेम देखा जो अपने क्षेत्र को ‘मिनी ब्राजील’ कहते थे. दरअसल पीएम मोदी शहडोल के बिचारपुर का जिक्र कर रहे थे. मोदी ने शहडोल एक आदिवासी क्षेत्र है, जब मैंने वहां का दौरा किया, तो मैंने करीब 100 युवा लड़कों और यहां तक ​​​​कि अधिक उम्र के लोगों को देखा, जो सभी खेल की जर्सी पहने हुए थे.उन्होंने कहा कि जब मैंने उनसे पूछा कि आप सब कहां से हैं तो उन्होंने जवाब दिया हम मिनी ब्राजील से हैं. उन्होंने बताया कि उनके गांव में चार पीढ़ियों से फुटबॉल खेला जा रहा है. यहां से करीब 80 राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी निकले हैं और उनका पूरा गांव फुटबॉल के लिए समर्पित है. मोदी ने बताया कि लोगों ने उन्हें बताया कि उनके वार्षिक फुटबॉल मैच के दौरान आसपास के गांवों से 20-25 हजार दर्शक आते हैं. 

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