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खतियान से परेशान किसान : इस टेबल से उस टेबल पर फाइल, रोजाना दफ्तरों के चक्कर, नतीजा सिफर




जहानाबाद:

बिहार सरकार भले ही जमीन का सर्वे करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन इस प्रक्रिया से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हालत ये हो गई है कि जहानाबाद के जिला मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक सुबह से लेकर शाम तक किसानों की भारी भीड़ लगी रहती है. जमीन सर्वे को लेकर किसान अंचल कार्यालय से लेकर रिकॉर्ड रूम का चक्कर लगाते नजर आ रहे है, लेकिन उनका कार्य नहीं हो पा रहा है. इस वजह से आम लोग काफी परेशान हो रहे हैं.

सुदूर ग्रामीण इलाके से जमीन सर्वे कराने को लेकर रिकॉर्ड रूम में कागजात निकालने के लिए किसानों की भारी भीड़ लगी है. किसानों ने बताया कि पिछले 8-10 दिनों से जमीन संबंधित कागजात निकलने आ रहे है लेकिन यहां हम लोगों का कार्य नही हो रहा है, निराशा ही हाथ लगती है. कार्यालय में बैठे कर्मचारियों के द्वारा तरह-तरह का बहाना बनाकर हम लोगों को वापस लौटा दिया जा रहा है, जिससे हमलोगों की परेशानी बढ़ी हुई है.

किसानों को हो रही परेशानी

किसानों ने बताया कि सर्वे करना सरकार की अच्छी पहल है लेकिन इसके लिए सरकार को पहले तैयारी करनी चाहिए थी. बगैर किसी तैयारी के सर्वे करने की घोषणा कर दी गई है और सर्वे का कार्य जैसे ही प्रारंभ हुआ है. कार्यालय कर्मियों के द्वारा कागजात देने के नाम पर तरह-तरह का बहाना बनाया जा रहा है, जिसका नतीजा है कि हम लोग कई बार कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुके हैं.

महिला किसान भी परेशान

महिला किसान भी जहानाबाद जिला मुख्यालय के रिकॉर्ड रूम में पहुंची हुई हैं, उनका भी कहना है कि कार्यालय कर्मियों के द्वारा कभी उसे उस टेबल पर तो कभी दूसरे टेबल पर भेज दिया जाता है. सर्वे करने वाले कर्मचारी के द्वारा हम लोगों को काफी परेशान किया जा रहा है. जो खतियान हम लोगों के दादा पर दादा के नाम से है वह ऑनलाइन नहीं चढ़ाया गया है जमाबंदी भी ऑनलाइन नहीं है ऐसी स्थिति में हम लोगों को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में सर्वे का कार्य हम लोगों के लिए परेशानी का सबक बन गया है.

अधिकारियों ने रखी अपनी बात 

इस संबंध में जहानाबाद प्रभारी अंचलाधिकारी सुधीर तिवारी का कहना है कि अंचल कार्यालय में जो भी परिमार्जन एवं ऑनलाइन रसीद का मामला है उसके निपटारे के लिए लगातार कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा किसानों के लिए पोर्टल भी खोला गया है. किसान पोर्टल से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

अब सवाल या उठना है कि एक तरफ सरकार जहां सही ढंग से सर्वे कार्य प्रारंभ होने का दावा कर रही है वहीं जमीनी स्तर पर हालात यह है कि किसानों को कई बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें कागजात नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में किसानों की एक ही मांग है कि सर्वे का कार्य करने से पहले सरकार को अपनी ढंग से पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थी.





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