क्या राज्यपाल विधानसभा से पारित कानून को अनिश्चित काल तक रोके रह सकते हैं? तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
<p style="text-align: justify;">संविधान के अनुच्छेद 200 की व्याख्या से जुड़े एक अहम मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. जिस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है, उसे तमिलनाडु सरकार ने दाखिल किया है. राज्य सरकार ने राज्यपाल पर विधानसभा से पारित बिलों को राज्यपाल की तरफ से अटकाए रखने का आरोप लगाया है. वहीं, राज्यपाल ने कहा है कि उन्होंने इन कानूनों को रोकने की जानकारी राज्य सरकार को दी थी. कई कानूनों को उन्होंने राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा है. ऐसा करना उनके अधिकार क्षेत्र में आता है.</p>
<p style="text-align: justify;">तमिलनाडु सरकार का कहना था कि राज्यपाल आर एन रवि ने 12 विधेयकों को स्वीकृति नहीं दी है. इनमें से सबसे पुराना विधेयक जनवरी 2020 का है. कई विधेयकों को राज्य विधानसभा दोबारा पारित कर राज्यपाल के पास भेज चुकी है. उनके पास उन विधेयकों को मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है., लेकिन लंबे समय तक विधेयकों को रोके रखने के बाद अब राज्यपाल उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने की बात कह रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">तमिलनाडु सरकार के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और राकेश द्विवेदी ने कहा कि अनुच्छेद 200 यह साफ करता है कि दोबारा पारित विधेयक को राज्यपाल को मंजूरी देनी चाहिए. उस अनुच्छेद की कोई और व्याख्या संविधान सम्मत नहीं होगी. ऐसी व्याख्या राज्य सरकारों के कामकाज को भी प्रभावित करेगी.</p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने राज्य सरकार की चिंता से सहमति जताई, लेकिन इस बात पर भी सवाल उठाया कि नवंबर 2023 में जब राज्यपाल ने 10 विधेयकों को रोके रखने की जानकारी दी, तो उसके 5 दिन के भीतर विधानसभा ने उन्हें उसी रूप में दोबारा पास कर दिया. यानी अगर राज्यपाल ने बिलों को 3 साल तक अटकाए रख कर सही नहीं किया, तो राज्य सरकार ने भी असामान्य हड़बड़ी दिखा कर उन्हें दोबारा पास कर दिया.</p>
<p style="text-align: justify;"> </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:-</strong><br /><strong><a href="https://www.abplive.com/news/india/who-is-next-cm-of-delhi-and-manipur-bjp-will-appoint-two-chief-ministers-after-pm-modi-us-visit-2881471">दिल्ली जीत के बाद और बढ़ी बीजेपी की मुश्किल, अब दो मुख्यमंत्री बनाने होंगे!</a></strong></p>
Source link